‘हम जम्मू कश्मीर के ISIS हैं’

सुरेश एस डुग्गर
शुक्रवार, 28 अगस्त 2015 (21:17 IST)
श्रीनगर। कश्मीर में 26 सालों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद से जूझ रहे सुरक्षाबलों के लिए अब आईएस नई चुनौती के रूप में सामने आ गया है। इसकी आधिकारिक घोषणा भी आज कर दी गई है कि कश्मीर में आईएस है। अभी तक इसके कश्मीर आने के प्रति सिर्फ संदेश दिए जा रहे थे। हालांकि सुरक्षाधिकारी कहते हैं कि वे अफगानिस्तान के तालिबानों से भी निपट चुके हैं और आईएस के आतंकी उनके लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं हैं।
पिछले कई शुक्रवार की तरह इस जुम्मे पर भी जम्मू कश्मीर में देश विरोधी झंडे लहराए गए। श्रीनगर के जामिया मस्जिद के पास कुछ लोगों ने नमाज के बाद झंडे दिखाए। प्रदर्शनकारियों ने इस बार झंडे पर ‘हम जम्मू कश्मीर के आईएसआईएस हैं’ लिख रखा था। इससे पहले शुक्रवार को ही ‘आईएस आ रहा है’ लिखा हुआ झंडा लहराया गया था। बता दें कि पिछले 7 हफ्ते से लगातार शुक्रवार के दिन घाटी में झंडा दिखाए जाने की घटना हो रही है।
 
पुलिस अफसरों के मुताबिक, आईएसआईएस और पाकिस्तान के झंडे फहराने के पीछे 12 लड़कों का ग्रुप है। सीनियर पुलिस अफसरों के मुताबिक इंटेलीजेंस इनपुट और सीसीटीवी कैमरों से मिले फुटेज और खिंचे गए फोटो के आधार पर इस ग्रुप से जुड़े लोगों की पहचान कर ली गई है और इन पर लगातार निगाह रखी जा रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियां इस बात की भी जांच कर रही हैं कि इस ग्रुप को आखिर फंडिंग कहां से हो रही है।
 
पर अबकी बार सुरक्षाधिकारी आईएस की कश्मीर में मौजूदगी को लेकर चिंतित हो गए हैं। उनका कहना था कि दरअसल यह आईएस की रणनीति का हिस्सा ही था कि वे कश्मीर में अपनी मौजूदगी का अहसास चरणबद्ध तरीके से करवाना चाहते थे। 
 
हालांकि अभी तक कोई आतंकी हिंसा की ऐसी घटना सामने नहीं आई है, जिसमें आईएस के लड़ाकों का हाथ हो पर इंटेलिजेंस अधिकारी इसकी चेतावनी देने लगे हैं कि आने वाले दिन कश्मीर के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। 
 
उनका कहना था पाकिस्तानी सेना अब आईएस के लड़ाकों का इस्तेमाल कश्मीर में दहशत और आतंक फैलाने के लिए कर सकती है। इतना जरूर था कि सुरक्षाधिकारी आईएस की चुनौती को गंभीरता से लेते हुए कहते थे कि उनसे निपटने के लिए विशेष तैयारियां जरूर की जा रही हैं।
 
याद रहे कि अलगाववादी नेता आसिया अंद्राबी के नेतृत्व में हुर्रियत कांफ्रेंस की महिला शाखा दुख्तरान-ए मिल्लत की सदस्यों ने पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस के मौके पर श्रीनगर में पाकिस्तानी झंडे लहराए थे। 
 
पिछले दिनों एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि आईएसआईएस में भर्ती हुए इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी भारत में भर्ती के लिए लोगों से संपर्क कर रहे हैं। खुफिया अधिकारियों ने भी माना था कि ऐसे हैंडलर्स हैं। आईएसआईएस के लिए भर्ती करने वाले 70 से 75 लोग भारतीय खुफिया एजेंसियों के निशाने पर हैं।
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