मध्यप्रदेश के पन्ना जिले की एक अदालत ने सजायाफ्ता कुख्यात अपराधी के जेल से फरार करवाने के मामले में तत्कालीन जेलर अशोक कुमार तिवारी सहित चार जेल कर्मचारियों को दोषी ठहराते हुए पांच-पांच वर्ष की सजा सुनाई है।
प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश अमिताभ मिश्रा ने मंगलवार को इस मामले में सुनवाई में अपराधी डब्बू त्रिपाठी के जेल से फरार हो जाने के मामले में तत्कालीन जेलर तिवारी और तीन प्रहरी गुलबदन, शदाकत अली और हबीब खान को दोषी मानते हुए पांच-पांच वर्ष के कठोर कारावास के साथ पांच-पांच हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायालय ने चारों अभियुक्तों को सुनियोजित तरीके से बंदी डब्बू त्रिपाठी को जेल से भागने में मदद करने का दोषी पाया है।
मामले की पैरवी करने वाले विशेष लोक अभियोजक जीतेन्द्रसिंह बैस ने न्यायालय के निर्णय के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि प्रथम अतिरिक्त न्यायाधीश पन्ना द्वारा मंगलवार शाम सुनाए गए अपने फैसले में आईपीसी की धारा 222 सहपठित धारा 120बी के अंतर्गत पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास व पांच-पांच हजार रुपए अर्थदंड किया गया।
अभियोजन के अनुसार बंदी डब्बू त्रिपाठी 6 एवं 7 फरवरी 2010 की दरम्यानी रात आश्चर्यजनक तरीके से फरार हो गया था। इस घटना को लेकर जेल प्रशासन द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना पर हुई जांचों के बाद कोतवाली पन्ना पुलिस ने तत्कालीन जेलर अशोक कुमार तिवारी सहित मुख्य प्रहरी गुलबदन व प्रहरी शदाकत अली तथा हबीब खान के साथ-साथ जेल से भागे बंदी डब्बू के विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवेचना उपरांत न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया गया था।