दिग्गजों के खिलाफ कांग्रेस के अनजान चेहरे

सुरेश एस डुग्गर
शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2014 (19:20 IST)
श्रीनगर। राज्य विधानसभा चुनावों के पहले चरण के लिए कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची को देख यह स्पष्ट हो गया है कि वह लंबी राजनीति खेलना चाहती है। वह चुनाव के बाद का स्कोप लेकर चल रही है।
 
कांग्रेसी सूत्रों के अनुसार, उसकी अगली सूचियों में भी दिग्गज विरोधी नेताओं के मुकाबले कम पहचान वाले उम्मीदवारों को उतारने की तैयारी है। यह स्कोप हालांकि चुनाव नतीजों पर निर्भर होगा पर वह नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ बाद की जोड़तोड़ का स्कोप रखे हुए है।
 
दरअसल, उसने उमर अब्दुल्ला के मुकाबले कम पहचान और अनजान चेहरों को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने पहले चरण के लिए 15 विधानसभा क्षेत्रों के लिए जो सूची जारी की उसमें 6 तो निवर्तमान विधायक हैं पर बाकी 9 में अधिकतर अनजान चेहरे हैं, जिनके प्रति आम कांग्रेसी का मत है कि कांग्रेस लंबा खेल खेलने की इच्छुक है।
 
कांग्रेस की ओर से गंदरबल से मुहम्मद युसूफ बट को मैदान में उतारा गया है। बट हाल ही में नेकां का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए थे। नेकां में भी उन्हें कोई जानता नहीं था। हैसियत एक आम कार्यकता की थी। पर कांग्रेस में पैराशूट उम्मीदवार बन गए हैं और उन्हें मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के संभावित चुनाव क्षेत्र से मैदान में उतार दिया गया।
 
पिछली बार कांग्रेस के जिस उम्मीदवार ने गंदरबल से उमर अब्दुल्ला के खिलाफ चुनाव लड़ा था वह तीसरे स्थान पर रहा था। शेख अशफाक 8077 वोट पाकर तीसरे स्थान पर आया था और अब वह नेकां में शामिल हो चुका है। तब उमर अब्दुल्ला को 16519 वोट मिले थे।
 
कांग्रेस के भीतरी सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस ऐसा ही गेम पीडीपी के साथ भी खेलना चाहती है। याद रहे कांग्रेस एक बार पीडीपी के साथ गठजोड़ की सरकार का स्वाद चख चुकी है। कांग्रेसी सूत्रों के मुताबिक, देश में पतली पड़ती कांग्रेस की स्थिति के कारण कांग्रेस कोई भी मौका गंवाना नहीं चाहती। अतः वह जम्मू-कश्मीर में ऐसी रणनीति अपनाना चाहती है, जिससे किसी भी पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने का मौका मिल जाए। हालांकि वह चुनाव पूर्व कोई गठजोड़ तो नहीं करना चाहती पर चुनाव मैदान में उम्मीदवारों के सहारे वह इस स्कोप को जिंदा रखना चाहती है।
 
ऐसे ही एक स्कोप के तहत उसके द्वारा सोनावर से खेमलता वाखलू को उतारने की तैयारी है। वाखलू ने पिछला चुनाव डॉ. फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ लड़ा था। उन्हें 6301 मत मिले थे जबकि फारूक अब्दुल्ला को 7018 वोट मिले थे। यह माना जा रहा है कि अगर वाखलू अब्दुल्ला परिवार के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं तो वह चुनाव हार जाएंगी और चर्चा यह भी है कि उमर अब्दुल्ला एक साथ दो- गंदरबल और सोनावर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। अतः कांग्रेस दूर की सोचकर ऐसा कदम उठाने जा रही है।
 
यही हाल अनंतनाग की उस सीट पर भी होने जा रही है। जहां पूर्व मुख्यंत्री और पीडीपी के संरक्षक मुफ्ती मुहम्मद सईद चुनाव मैदान में उतर चुके हैं। कांग्रेस ने उनके खिलाफ एक स्थानीय कार्यकर्ता हिलाल अहमद शाह को टिकट देने की तैयारी की है। हालांकि पिछले साल अनंतनाग से मंजूर अहमद गनई को चुनाव मैदान में उतारा गया था, जिसे अब बिजबिहेड़ा से मैदान में उतारा जा रहा है। पिछले चुनाव में सईद 12439 वोट लेकर जीते थे और नेकां के महबूब बेग 7548 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे थे।
 
जानकारी के मुताबिक, पीडीपी तथा नेकां के अन्य उन दिग्गजों के खिलाफ भी कांग्रेस यही रणनीति अपनाना चाहती है। बताया जाता है कि प्रदेश कांग्रेस की इस रणनीति को कांग्रेस आलाकमान की मंजूरी है पर पीडीपी और नेकां ने ऐसा कोई स्कोप नहीं रखा है और दोनों ही दल अपने अपने बलबूते सरकार बनाने के लिए सारी ताकत झौंके हुए हैं।
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