जदयू ने पार्टी प्रवक्ता अजय आलोक समेत प्रमुख पदाधिकारियों को निष्कासित किया

Webdunia
मंगलवार, 14 जून 2022 (23:26 IST)
पटना। जनता दल (यूनाइटेड) ने प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक सहित अन्य पदाधिकारियों को पार्टी विरोधी गतिविधियों एवं कार्यकत्ताओं को दिग्भ्रमित करने के आरोप में मंगलवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। जदयू ने पार्टी महासचिव अनिल कुमार, प्रदेश महासचिव विपिन कुमार यादव एवं प्रदेश प्रवक्ता अजय आलोक को पद से हटाते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इसके अलावा भंग समाज सुधार सेनानी के प्रकोष्ठ अध्यक्ष जितेन्द्र नीरज को भी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है।
 
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने यहां पत्रकारों को बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहने वाले 3 प्रदेश पदाधिकारियों को पदमुक्त करते हुए उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एक भंग प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष को भी प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किया गया है।
 
उन्होंने कहा कि पार्टी के पदाधिकारी दल को मजबूत एवं सशक्त करने के लिए बनाए जाते हैं और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वो अपनी पूरी क्षमता एवं ऊर्जा का इस्तेमाल पार्टी एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मजबूती प्रदान करने में लगाएंगे।
 
कुशवाहा ने कहा कि इसके विपरीत पिछले कई महीनों से कई जिलों से लगातार ऐसी सूचना मिल रही है कि पार्टी के कुछ पदाधिकारी पार्टी हित के विपरीत पार्टी के मानांतर कार्यक्रम चला रहे हैं एवं पार्टी पदाधिकारी के नाम पर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच गलत संवाद स्थापित कर उन्हें दिग्भ्रमित कर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर बात कर ऐसे कृत्यों से परहेज करने का परामर्श भी दिया गया, इसके बावजूद उन्होंने ऐसा करना जारी रखा, जो पूर्णत: दलविरोधी और अनुशासनहीनता है। एक प्रश्न के उत्तर में कुशवाहा ने कहा कि केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह हमारे दल के एक सम्मानित नेता हैं। दल में सभी को जिम्मेवारियां मिली हुई हैं और सभी उसके अनुरूप कार्य कर रहे हैं और कहीं कोई मतभेद नहीं है।
 
आलोक को नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले आरसीपी सिंह का करीबी माना जाता था। सिंह, जो केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के एकमात्र प्रतिनिधि हैं, को हाल में राज्यसभा में एक और कार्यकाल से वंचित कर दिया गया था और इसे नीतीश को विश्वास में लिए बिना मंत्री पद स्वीकार करने के दंड के रूप में देखा जा रहा है। पेशे से चिकित्सक आलोक ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने पुराने संबंध को समाप्त करने के लिए पार्टी को व्यंग्यात्मक रूप से धन्यवाद दिया है।

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