कर्नाटक संकट : पर्दे के पीछे असंतुष्ट विधायकों को मनाने में जुटी कांग्रेस

Webdunia
शनिवार, 13 जुलाई 2019 (13:01 IST)
बेंगलुरू। कर्नाटक में जारी राजनीतिक अस्थिरता के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा से इस्तीफा देने वाले असंतुष्ट विधायकों को मनाने के लिए पर्दे के पीछे से बातचीत शुरू कर दी है।
 
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने विधानसभा में सभी को हैरान करते हुए घोषणा की कि वे विश्वास मत कराएंगे जिसके एक दिन बाद असंतुष्ट विधायकों को मनाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं।
 
कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले एवं जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार सुबह करीब 5 बजे आवास मंत्री एमटीबी नागराज के आवास पहुंचे और वे उन्हें मनाने के लिए करीब साढ़े चार घंटे तक वहां रहे। खबरों के अनुसार उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर भी नागराज को इस्तीफा वापस लेने के लिए मनाने के वास्ते उनके घर गए। नागराज ने बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। (Photo : ANI Twitter)
 
इसी तरह विधायक रामलिंगा रेड्डी, मणिरत्न और आर रोशन बेग को मनाने की कोशिश की गई। जद (एस) में सूत्रों ने बताया कि कुमारस्वामी इस्तीफा देने वाले कम से कम चार कांग्रेस विधायकों के साथ सीधे संपर्क में हैं और उन्हें उम्मीद है कि वे अपने इस्तीफे वापस ले लेंगे।
 
संभवत: आगामी सप्ताह में विश्वास मत के मद्देनजर विधायकों को एकजुट रखने की कवायद के तहत कांग्रेस और भाजपा दोनों ने अपने विधायकों को होटल और रिजॉर्ट में भेज दिया है। इन घटनाक्रमों पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि इन प्रयासों का कोई नतीजा नहीं निकलेगा क्योंकि सरकार का पतन ‘निकट’ है।
 
येदियुरप्पा ने यहां पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस और जद(एस) में भ्रम है जिसके कारण विधायक पार्टी छोड़ रहे हैं। विधायकों को वापस लाने के लिए एक व्यवस्थागत साजिश चल रही है। उन्होंने कहा कि माहौल अराजक है और सरकार का पतन आसन्न है।  येदियुरप्पा ने दावा किया कि राज्य सरकार बहुमत खो चुकी है। उन्होंने कहा कि विश्वास मत कराना ‘निरर्थक’ है।
 
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन के 10 असंतुष्ट विधायकों के इस्तीफे पर अध्यक्ष को 16 जुलाई तक यथास्थिति बरकरार रखने के आदेश दिए थे जिसके बाद कुमारस्वामी ने सदन में विश्वास मत कराने की घोषणा कर दी।
 
कर्नाटक में पिछले साल त्रिशंकु विधानसभा के बाद गठबंधन सरकार बनी थी। तब से ही सरकार उतार-चढ़ाव के कई दौर से गुजरी है। सरकार अब गंभीर संकट से गुजर रही है। उसके 16 विधायकों ने विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से 16 विधायक कांग्रेस के और तीन जद(एस) के हैं।
 
सत्तारूढ़ गठबंधन में अध्यक्ष को छोड़कर कुल 116 विधायक (कांग्रेस के 78, जद(एस) के 37 और बसपा के 1) हैं। दो निर्दलीय विधायकों के समर्थन के साथ 224 सदस्यीय सदन में भाजपा के विधायकों की संख्या 107 है। अगर 16 विधायकों के इस्तीफे मंजूर किए जाते हैं तो गठबंधन की संख्या घटकर 100 रह जाएगी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख