कश्मीर में पुलिसवालों के परिजनों को धमका रहे हैं आतंकी

सुरेश एस डुग्गर
सोमवार, 17 अप्रैल 2017 (18:58 IST)
श्रीनगर। कश्मीर में आतंकियों ने पुलिसवालों के घरों में घुसकर उन्हें डराने धमकाने के सिलसिले को तेज कर दिया है। पिछले महीने भी जब उनके द्वारा कई आला पुलिस अफसरों के घरों में घुसकर उनके परिजनों को धमकाया गया था तो पुलिस महानिदेशक ने जवाबी कार्रवाई में आतंकियों के परिजनों को ‘लपेट’ लिए जाने की चेतावती तो दी थी पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं हुआ है।
 
यही कारण था कि ताजा घटनाक्रम में दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले के तीन गांवों में सात पुलिसवालों के घर में आतंकी घुसे और उन्हें नौकरी से त्यागपत्र देने के लिए कहने लगे। चेहरे पर मास्क लगाकर पहुंचे बंदूकधारियों ने कहा कि पुलिसवाले कम से कम मस्जिदों के लाउडस्पीकरों पर अपने इस्तीफे की घोषणा करें।
 
जम्मू कश्मीर के पुलिस प्रमुख एसपी वैद ने बताया कि इस मुद्दे से निपटने के लिए उन्होंने एक रणनीति बनाई है, हालांकि उन्होंने रणनीति के विषय में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। आतंकियों का ग्रुप हाजीपोरा, लांडूरा और चोटीगाम गांवों में गुरुवार और शुक्रवार की रात को पहुंचा और पुलिसवालों के घरों की खिडकियां तोड़ीं।
 
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब पुलिसवालों के घर की खिड़कियां तोड़ी गईं तो दो पुलिसवाले घर में ही थे और उनसे मस्जिद में इस्तीफा देने के लिए कहा गया। ऐसा न करने पर अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया। उन्होंने आगे कहा कि अगर ऐसी स्थिति में पुलिसवाले त्यागपत्र दे भी देते हैं तो ऐसे इस्तीफे आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं किए जाते।
 
हालत यह है कि हथियारबंद आतंकियों के ‘हल्ला बोल’ के बाद बवाल बढ़ता ही जा रहा है। आतंकियों की इस कार्रवाई पर पुलिस महानिदेशक की चेतावनी पर अब आतंकी गुटों ने प्रतिक्रियां देते हुए पुलिस पर आरोप लगाया है कि वे आतंकियों के परिवारों को प्रताड़ित करते हैं। हालांकि पुलिस ने आतंकी गुटों के सभी आरोपों को नकार दिया है।
 
मामले को तूल देते हुए लश्करे तौयबा के चीफ महमूद शाह ने कश्मीर के अखबारों को भेजे गए संदेश में राज्य पुलिस पर आरोप लगाया था कि वह आतंकियों के परिवारों को प्रताड़ित कर रहे हैं। इस संदेश में उसने ‘धमकी’ भी दी थी कि अगर यूं ही चलता रहा तो पुलिस अधिकारयों के परिवार उनकी गिरफ्त से दूर नहीं होंगे।
 
आतंकी कमांडर का वक्तव्य उस समय आया था जब जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक शेषपाल वैद ने आतंकियों को पुलिसवालों के परिवारों से दूर रहने की चेतावनी देते हुए कहा था कि वे अपनी गतिविधियों में पुलिस वालों के परिवारों को न घसीटें। उन्होंने साथ ही चेतावनी भी दी थी कि भविष्य में अगर ऐसा होता है तो आतंकियों को भी अपने परिवारों के बारे में सोच लेना चाहिए।
 
अब हालात यह है कि मामले को लेकर पुलिस और आतंकी गुट आमने-सामने हैं। परिणाम यह है कि दोनों पक्षों के बीच हो रहे वाकयुद्ध के कारण पुलिस तथा आतंकियों के परिवार डरे हुए हैं। हालांकि पुलिस अधिकारी ऐसे किसी डर की पुष्टि तो नहीं करते थे लेकिन कुछ आतंकी परिवारों के सदस्यों का मानना था कि दोनों की लड़ाई में परिवारों के अन्य सदस्य ही पिस जाएंगे।
 
ऐसा भी नहीं है कि अतीत में उन्हें बख्श दिया जाता रहा हो बल्कि आतंकी कई बार पुलिसवालों के परिवारों की जानें ले चुके हैं और बदले में पुलिस व अन्य सुरक्षाबल आतंकियों के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर प्रताड़ित करते रहे हैं और अब यह ‘जंग’ तेज होने से परिवारों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है इससे कोई इंकार नहीं कर रहा है।
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