Biodata Maker

उत्तराखंड में आज से शुरू होगी कावड़ यात्रा, चढ़ेगा शिवालयों में जल

Webdunia
शुक्रवार, 9 जुलाई 2021 (09:53 IST)
हरिद्वार। सबसे बड़ी कावड़ यात्रा उत्तर भारत में इस बार 9 जुलाई को शुरू होगी। 21 जुलाई की रात से देशभर के शिवालयों में गंगा जल चढ़ने लगेगा और 22 जुलाई को पूरे दिन चढ़ाया जाएगा। हरिशयन एकादशी, कावड़ यात्रा शुरू होने से पहले पड़ रही है। इसी के साथ ही अन्य सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा।

ALSO READ: कावड़ यात्रा कैसे निकलती है और क्या होती है कावड़, जानिए 7 पौराणिक बातें
 
समूचे उत्तर भारत में इस कावड़ यात्रा को सबसे बड़ा मेला माना जाता है। यही एकमात्र ऐसा मेला है जिसमें चंद दिनों के दौरान ही 2 से 3 करोड़ श्रद्धालु सड़कों पर पैदल यात्रा करते हुए गंगा जल लेकर विभिन्न राज्यों की ओर जाते हैं। गंगा जल गांव-गांव के शिवालयों में चढ़ाया जाता है। कई जगह यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और शिविर लगाने वाले स्थल चयन में जुट गए हैं।
 
 
कावड़ यात्रा आज गुरु पूर्णिमा 9 जुलाई से शुरू होगी तथा 21 जुलाई प्रदोष की रात्रि को जल चढ़ने लगेगा। 22 जुलाई को चतुर्दशी के पूरे दिन जल चढ़ाया जाएगा। इस अमावस्या का महत्व इस बार इसलिए भी बढ़ गया है, चूंकि कावड़ यात्रा के दौरान ही 16 जुलाई को सूर्य का संक्रमण कर्क राशि में हो जाएगा। कर्क में सूर्य के आते ही श्रावण मास की वर्षा ऋतु शुरू होती है। इसी दौरान सूर्य नारायण की दक्षिणायन यात्रा भी प्रारंभ होगी।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maithili Thakur : क्या सियासत की अग्नि परीक्षा में सफल हो पाएंगी मैथिली ठाकुर, अलीनगर की सीट कितनी आसान, क्या कहता है समीकरण

पाकिस्तान की 'बहादुर' सेना ने तालिबान के सामने किया सरेंडर, घंटों सड़कों पर घूमते रहे अफगानी टैंक

EV, बैटरी सब्सिडी से क्यों चिढ़ा चीन, भारत की WTO में की शिकायत, जानिए क्या है पूरा मामला

शिवराज के घर धान की बोरी लेकर अचानक पहुंचे जीतू पटवारी, भावांतर का विरोध, जमकर नारेबाजी

गाजा में फिर भड़केगा युद्ध, Hamas ने लौटाए किसी और के शव, डोनाल्ड ट्रंप के Gaza Peace Plan की उड़ाई धज्जियां, Israel ने खाई खात्मे की कसम

सभी देखें

नवीनतम

किन्नर मामले में बड़ा अपडेट, मुख्य आरोपी सपना हाजी गिरफ्तार

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बड़ा आरोप, भारत के लिए प्रॉक्सी वॉर लड़ रहा है तालिबान

Diwali 2025: क्या होते हैं ग्रीन पटाखे? पर्यावरण की दृष्टि से समझिए कैसे सामान्य पटाखों से हैं अलग

ग़ाज़ा : शांति योजना के लिए एक 'नाज़ुक क्षण', न्यायेतर हत्याओं की खबरों पर चिंता

जैसलमेर के बाद बाड़मेर में भीषण हादसा, जिंदा जले 4 लोग

अगला लेख