केदार गर्भगृह में प्रधानमंत्री ने लगभग 18 मिनट तक की पूजा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आदि शंकराचार्य की 12 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि 2013 के विनाश के बाद लोग सोचते थे कि क्या केदारनाथ का पुनर्विकास किया जा सकता है, लेकिन मेरे भीतर की एक आवाज ने हमेशा मुझसे कहा कि केदारनाथ का फिर से विकास होगा।
पीएम ने कहा कि आदि भूमि पर शाश्वत के साथ आधुनिकता का ये मेल, विकास के ये काम भगवान शंकर की सहज कृपा का ही परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि हमारे उपनिषदों में, आदि शंकराचार्यजी की रचनाओं में कई जगह नेति-नेति कहकर एक भाव विश्व का विस्तार दिया गया है। रामचरित मानस को भी हम देखें तो इसमें में अलग तरीके से यह भाव दोहराया गया है।
पीएम ने कहा कि रामचरित मानस में कहा गया है- अबिगत अकथ अपार, नेति-नेति नित निगम कह अर्थात्, कुछ अनुभव इतने अलौकिक, इतने अनंत होते हैं कि उन्हें शब्दों से व्यक्त नहीं किया जा सकता। बाबा केदारनाथ की शरण में आकर मेरी अनुभूति ऐसी ही होती है।
पीएम ने कहा कि आज केदारनाथ में यात्री सेवाओं और सुविधाओं से जुड़ी कई योजनाओं का शिलान्यास भी हुआ है। पर्यटक सुविधा केंद्र का निर्माण हो, यात्रियों और यहां की सुविधा के लिए आधुनिक अस्पताल हो ऐसी कई सुविधा श्रद्धालुओं की सेवा का माध्यम बनेंगी।
संबोधन से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई योजनाओं का लोकार्पण किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में 130 करोड़ रुपए की पुनर्विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इनमें परियोजनाओं में सरस्वती रिटेनिंग वॉल आस्थापथ और घाट, मंदाकिनी रिटेनिंग वॉल आस्थापथ, तीर्थ पुरोहित हाउस और मंदाकिनी नदी पर गरुड़ चट्टी पुल शामिल हैं। नरेंद्र मोदी राजनीति में आने से पूर्व गरुड़ चट्टी में तपस्या कर चुके हैं।