केरल : सार्वजनिक खर्च में कटौती का वित्तमंत्री ने किया इनकार, बताया यह कारण...

Webdunia
शुक्रवार, 6 अगस्त 2021 (19:01 IST)
तिरुवनंतपुरम। केरल ने कहा है कि वह सार्वजनिक खर्च में कटौती नहीं करेगा। केरल के वित्तमंत्री केएन बालगोपाल ने कहा कि ऐसे समय जबकि हम एक सदी के सबसे गंभीर संकट के दौर में हैं, वृहद राजकोषीय लक्ष्यों हासिल करने के लिए सार्वजनिक खर्च में कटौती करना सही कदम नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह एक प्रतिगामी कदम साबित होगा जिससे अर्थव्यवस्था और सिकुड़ जाएगी।

बालगोपाल ने साक्षात्कार में कहा कि इस तरह के संकट से बाहर निकलने के लिए कुछ अलग हटकर करने की जरूरत है। केरल के वित्तमंत्री का यह बयान इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है कि देश के एकमात्र वामदल शासित राज्य की पहचान जनकल्याण के बड़े सुधारों के लिए है। ये सुधार स्कैंडिनेवियाई देशों के मॉडल का मुकाबला कर सकते हैं।

हालांकि दक्षिण भारत का यह राज्य इस समय अपने पिछले कुछ साल के सबसे बुरे संकट के दौर में है। राज्य के घटते राजस्व और बढ़ते खर्च से इसका पता चलता है। इस समय केरल का सार्वजनिक ऋण राज्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 36 प्रतिशत से अधिक हो चुका है। महामारी से राज्य की वित्तीय स्थिति और प्रभावित हुई है।

बालगोपाल ने कहा कि यह राजकोषीय सुधार का समय नहीं है। खर्च में कटौती का कोई सवाल पैदा नहीं होता बल्कि यह समय है जबकि हमें कुछ अलग हटकर सोचना चाहिए। एक लोकतांत्रिक सरकार के रूप में हमें लोगों की आजीविका को सुरक्षित करना है। इसका मतलब है कि हमें खर्च जारी रखना होगा, जिससे आर्थिक गतिविधियां रुके नहीं।
ALSO READ: एक और ‘टीका’ मिल सकता है देश को, हेल्‍थ मिनि‍स्‍ट्री करेगी बायोलॉजिकल-ई को 1500 करोड़ का भुगतान
उन्होंने आगाह किया कि हम संभवत: ऐसे दौर में हैं, जो महामंदी से भी बुरा है। मुझे डर है कि आगे हमें और मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2014-15 से 2018-19 के दौरान केरल का राजस्व 61 प्रतिशत से घटकर 55 प्रतिशत पर आ गया।
ALSO READ: Ladakh Standoff: भारत-चीन की सेनाओं ने गोगरा बिंदु से पीछे हटाने की प्रक्रिया की पूरी
मंत्री ने कहा कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) के क्रियान्वयन के बाद राज्य के राजस्व में अधिक तेज गिरावट आई है। उसके बाद से राज्य का कुल कर संग्रह एक-तिहाई घट गया है। उन्होंने कहा कि राज्य का गैर-कर राजस्व घटकर आधा यानी 6,000 करोड़ रुपए रह गया है।
ALSO READ: LAC : कोर कमांडर स्तर की बातचीत के बाद गोगरा पेट्रोलिंग प्वाइंट-17A से पीछे हटे भारत और चीन के सैनिक
राज्य के बजट में कर का हिस्सा 95,000 करोड़ रुपए से अब 87,000-88,000 करोड़ रुपए रह गया है। उन्होंने कहा कि इस वजह से राज्य का सार्वजनिक ऋण सकल घरेलू उत्पाद के 36 प्रतिशत के पार हो गया है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

5वें चरण में 57.40 फीसदी मतदान, बारामूला में टूटा वोटिंग का रिकॉर्ड, जानें कहां कितने प्रतिशत पड़े वोट

वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति बने, भारत में 1 दिन का शोक

भीषण गर्मी में लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में सुस्त रही मतदान की रफ्तार, आदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग पर उठाए सवाल

AAP की मुश्किलें बढ़ीं, ED की चार्जशीट में खुलासा अमेरिका, ईरान, यूएई जैसे देशों से मिली करोड़ों की फंडिंग

दिग्विजय सिंह का दावा, I.N.D.I.A. गठबंधन को वैसा ही समर्थन मिल रहा, जैसा 1977 में...

क्या है भरतपुर रियासत के पूर्व राजपरिवार की लड़ाई, जो कोर्ट की दहलीज तक आई?

Pune Accident को लेकर राहुल गांधी का PM मोदी पर तंज, न्याय भी दौलत का मोहताज है

मातृशक्ति वंदन में नमो-नमो की गूंज, मोदी सरकार महिलाओं को बना रही है सशक्त

Kerala में भारी बारिश की चेतावनी, 8 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी

Fresh COVID wave : लोकसभा चुनावों के बीच Coronavirus को लेकर आई डरावनी खबर, KP.1, KP.2 वैरिएंट के मरीज मिलने से हड़कंप

अगला लेख