लालू यादव दुमका मामले में भी दोषी करार

Webdunia
सोमवार, 19 मार्च 2018 (13:43 IST)
रांची। अविभाजित बिहार के अरबों रुपए के बहुचर्चित चारा घोटाले से जुड़े चौथे मामले में सोमवार को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 19 अभियुक्तों को दोषी करार दिया है, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र समेत 12 लोगों को बरी कर दिया।
 
सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपालसिंह ने दुमका कोषागार से अवैध नकासी से संबंधित नियमित मामले 38ए/96 में सुनवाई के बाद यादव समेत 19 अभियुक्तों को दोषी करार दिया जबकि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र और लोक लेखा समिति के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत समेत 12 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। सजा के बिंदु पर सुनवाई के लिए अदालत ने 21, 22 और 23 मार्च की तिथि निर्धारित की है।

बीमारी की वजह से जगन्‍नाथ मिश्र ह्वील चेयर पर अदालत पहुंचे तो लालू प्रसाद को एंबुलेंस से अदालत लाए गए। लालू इसके पहले चारा घोटाला के तीन मामलों में दोषी करार दिए जा चुके हैं। वे रांची के होटवार जेल में सजा काट रहे हैं। 
 
यह है मामला : चारा घोटाले का नियमित मामला 38 ए/96 दुमका कोषागार से तीन करोड़ 97 लाख रुपए की अवैध निकासी का है। इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और जगन्नाथ मिश्रा समेत 31 आरोपी थे। सीबीआई ने इस मामले में दो पूर्व मुख्यमंत्री यादव और डॉ. मिश्र तथा तीन पूर्व मंत्रियों समेत अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए 8 अक्टूबर 1999 को बिहार के तत्कालीन राज्यपाल सूरज भान से अनुमति मांगी थी। राज्यपाल ने 3 नवंबर 1999 को यादव समेत अन्य अभियुक्तों के खिलाफ सीबीआई को मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी थी।
 
चार मामलों में सजा होने के बाद यादव के खिलाफ अभी भी दो अन्य मामले चाइबासा कोषागार से 33.61 करोड़ रुपए की निकासी से जुड़ा 68ए/96 और डोरंडा कोषागार से 139.39 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का मामला 47 ए/96 न्यायालय में लंबित है।
 
गौरतलब है कि वर्ष 1996 में उजागर हुए चारा घोटाले के पहले मामले आरसी 20 ए/96 में श्री यादव को 20 सितंबर 2013 रांची में सीबीआई की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया था। यह मामला चाइबासा कोषागार से 37.70 करोड़ रुपए की अवैध निकासी का है। घोटाला के दूसरे मामले आरसी 64ए/96 में यादव को 23 दिसंबर 2017 को दोषी करार दिया गया।
 
चारा घोटाले का यह मामला वर्ष 1990 से 1994 के बीच देवघर कोषागार से 89 लाख 27 हजार रुपए का फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से पशु चारे के नाम पर निकासी से संबंधित है। यादव चारा घोटाला के तीसरे मामले 68 ए/96 में 24 जनवरी 2018 को दोषी करार दिए गए। यह मामला भी चाइबासा कोषागार से 33 करोड़ 62 लाख रुपए की अवैध निकासी से संबंधित है। (वार्ता)

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