बद्रीनाथ। बद्रीनाथ धाम में बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत पुनर्निर्माण के दौरान मंदिर के दाहिनी ओर की दीवार पर हल्की दरार दिखने के बाद इसके उपचार की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) को दी गई है।
उत्तराखंड के पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर का कहना है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण इसका उपचार करेगा। इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 5 करोड़ का एस्टिमेट तैयार भी कर लिया है। इसके अलावा मंदिर के पीछे स्थित ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण कराया जाएगा।
एएसआई मंदिर की दाहिनी दीवार में आ रही हल्की दरार का उपचार मानसून के बाद शुरू करेगी। इसके अलावा मंदिर के ठीक पीछे ग्लेशियर से मंदिर की सुरक्षा के मद्देनजर उपचारात्मक कार्यों के बारे में सुझाव लेने के लिए केंद्र सरकार की संस्था डीजीआई को कंसल्टेंट का जिम्मा सौंपा गया है। संस्था ने सुझाव दिया है कि ग्लेशियर से सुरक्षा के लिए दीवार का निर्माण कराया जाना आवश्यक है।