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एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से सेना परेशान...

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सुरेश डुग्गर

, सोमवार, 12 नवंबर 2018 (11:16 IST)
जम्मू। एलओसी पर जारी सीजफायर के बीच होने वाली रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी इन घटनाओं में अभी तक उसके 105 के करीब जवानों की हुई मौत है और उसकी हालत यह है कि वह इसके लिए किसी को दोषी ठहराने की स्थिति में इसलिए नहीं है, क्योंकि अगर ऐसा करती है तो सीजफायर दांव पर लग जाता है।
 
 
रविवार को भी एलओसी पर कलाल सेक्टर में एक जवान की रहस्यमयी गोलीबारी में मौत हो गई। सेना प्रवक्ता के मुताबिक इस चौकी पर तैनात नायक केशव एलओसी पार से आई गोली से शहीद हो गया। यह कोई पहला मौका नहीं है जबकि एलओसी पर रहस्यमयी गोलीबारी से किसी जवान की मौत हुई हो। पिछले 15 सालों से जारी सीजफायर की अवधि में यह 105वीं घटना है और 105 जवान शहीद हो चुके हैं।
 
सूत्रों के मुताबिक, इन रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं के पीछे पाक सेना के वे निशानेबाज हैं, जो स्नाइपर राइफलों से भारतीय जवानों को निशाना बना रहे हैं। कई बार फ्लैग मीटिंगों में भारतीय पक्ष द्वारा इस पर आपत्ति जताई जा चुकी है लेकिन हर बार पाक सेना ऐसी किसी गोलीबारी की घटना से इंकार कर चुकी है।
 
नतीजतन रहस्यमयी गोलीबारी, जिसके पीछे भारतीय पक्ष के मुताबिक पक्के तौर पर पाक सेना और उसके वे आतंकी पिट्ठू हैं, जो सीमा के उस पार पाक सीमा चौकियों पर शरण लिए हुए हैं, से सेना परेशान हो उठी है। उसकी परेशानी का कारण गोली का जवाब वह गोली से नहीं दे सकती, क्योंकि ऐसा करने पर सीजफायर की उल्लंघना होगी और पाक सेना फिर उसका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाभ उठा सकती है। नतीजतन, सेना के लिए स्थिति न उगली जाए और न निगली जाए की हो गई है।
 
ऐसी दशा में सेना के पास ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी की घटनाओं और घुसपैठ के बढ़ते दबाव से निपटने का एक ही रास्ता बचा है और वह यह है कि एलओसी पर जारी सीजफायर समाप्त हो जाए। एक सेनाधिकारी के बकौल 'सीजफायर ने पाक सेना को अपनी पोजिशनें मजबूत करने और घुसपैठ को कारगर ढंग से अंजाम देने का मौका दिया है।'
 
वर्ष 2003 में जब दोनों मुल्कों के बीच संघर्षविराम समझौता हुआ तो कुछ अरसे तक एलओसी तथा इंटरनेशनल बॉर्डर पर शांति बनी रही थी, पर यह ज्यादा देर तक इसलिए नहीं टिक पाई, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से की जाने वाली रहस्यमयी गोलीबारी ने भारतीय जवानों की जानें लेनी आरंभ कर दी थीं।
 
फिर जब इसके प्रति जानकारियां सामने आईं तो वे चौंकाने वाली थीं कि ऐसी रहस्यमयी गोलीबारी अर्थात स्नाइपर शॉटों के पीछे पाक सेना के प्रशिक्षित कमांडों के साथ-साथ वे आतंकी भी थे जिन्हें पाकिस्तानी सेना ऐसी ट्रेनिंग दे रही थी। हालांकि सीजफायर के 15 सालों के दौरान एलओसी पर स्नाइपर गोलीबारी 105 के करीब भारतीय जवानों की जानें ले चुकी है और पाकिस्तान ऐसी गोलीबारी के लिए हमेशा ही आतंकियों को दोषी ठहराता आया है।
 
और अब कश्मीर के भीतर पहुंच चुके स्नाइपरों की गोलियों ने अन्य सुरक्षाबलों को चिंता में डाल दिया है। सुरक्षाबलों की चिंता जायज भी है। चाहे सेनाध्यक्ष अभी इस मामले में जांच जारी रहने की बात कह रहे हैं, पर जानकारियों के मुताबिक करीब दर्जनभर स्नाइपर कश्मीर में घुस चुके हैं, जो पिछले एक पखवाड़े में 3 जवानों की जानें ले चुके हैं। फिलहाल इसके प्रति पक्के सबूत नहीं मिले थे, पर कहा यह जा रहा है कि इन स्नाइपरों में पाक सेना के प्रशिक्षित जवान भी शामिल हैं तथा आतंकी भी।
 
ऐसे स्नाइपरों में पाक सेना के जवानों के संलिप्त होने की खबरों पर यकीन इसलिए किया जा सकता था, क्योंकि पहले भी कश्मीर में 30 सालों से फैले आतंकवाद के दौर के दौरान पाक सेना के कई जवान और अफसर पकड़े व मारे जा चुके हैं, जो आतंकियों का साथ देने की खातिर एलओसी को क्रॉस कर इस ओर आए थे।

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