वेबदुनिया के सारंग ने डिजाइन किया लोकसभा सचिवालय का 'गांधीमय' कैलेंडर

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इंदौर। हाल ही में लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी किया गया वर्ष 2019 का वार्षिक कैलेंडर एक विशेष कारण से सुर्खियों में बना हुआ है। सुर्खियों की वजह यह रही कि महात्मा गांधी के 150वीं जन्म जयंती के अवसर पर उनके संदेशों, विचारों और कार्यों को आत्मसात करने के लिए इस बार उन्हीं पर आधारित कैलेंडर प्रकाशित किया गया है। विश्व के पहले हिन्दी पोर्टल 'वेबदुनिया' के सीनियर इलेस्ट्रेटर सारंग क्षीरसागर की रचनात्मकता है, जिनके बनाए चित्र वार्षिक कैलेंडर में शुमार किए गए हैं। 
 
12 पन्नों वाले इस कैलेंडर को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ अलग रूप से लाने का सोचा था, जिसे शहर के युवा चित्रकार सारंग ने अपनी कलाकृतियों से सजाया है। इस कैलेंडर में न केवल गांधीजी के संदेशों को अंकित किया गया है बल्कि चित्रकारी के जरिए उनकी उस विचारधारा को भी दर्शाने का प्रयास किया है, जो हर दौर की आवश्यकता और समसामयिकता है। गांधीजी की घड़ी, चश्मा, चरखा, छड़ी, चप्पल, नमक, तीन बंदर आदि के जरिए विचारों को जनमानस तक पहुंचाने की कोशिश है।
 
सारंग बताते हैं हर पन्ने की डिजाइन में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि कैलेंडर देखने वाले का ध्यान केवल गांधीजी पर ही केंद्रित होकर न रह जाए बल्कि उनके उस संदेश को समझ सकें, जिसे वे मानव जाति को देना चाहते थे इसलिए चरखे के बैकग्राउंड में लूम पर तिरंगा बुनते कारीगरों के साथ सभी मजहब के लोगों को लिया जो कि स्वावलंबन और एकता की बात कहता है। 
गांधीजी की घड़ी का चित्र बनाकर बैकग्राउंड में बापू की प्रार्थना सभा बनाई गई है। उनका चश्मा बनाकर उसके रिफ्लेक्शन में तिरंगे को प्रदर्शित गया, जो गांधी जी के 'वीजन' को दर्शाता है। कैलेंडर में गांधी की छड़ी को भी दर्शाया गया है, जो कि मनुष्य के लिए उसके सहारे का माध्यम थी न कि यह छड़ी हिंसा को प्रदर्शित करती थी।
 
तीन बंदरों को गांधीजी ने अपना गुरु माना था। यह वास्तविक मूर्ति उन्हें एक जापानी मित्र ने 1936 में उपहार में दी थी। इन तीन बंदरों के संदेश का अनुसरण वे स्वयं भी करते थे। बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो। 
 
सारंग के अनुसार यह कैलेंडर डिजाइन करना इसलिए चुनौती भरा था क्योंकि इसमें केवल रेखांकन और रंग तक ही बात सीमित नहीं थी बल्कि विचारों को अप्रत्यक्ष रूप से मूर्त रूप में भी लाना था। 12 अलग-अलग विषयों को एक तानेबाने में रखते हुए यह आकर्षक कैलेंडर डिजाइन किया गया। कैलेंडर का विमोचन लोकसभा स्पीकर श्रीमती सुमित्रा महाजन ने संसद में एक कार्यक्रम में किया।
 
लोकसभा स्पीकर महाजन की रचनात्मक सोच, दृष्टि एवं रुचि और किसी भी विषय की तह तक जाने की कार्यप्रणाली की अभिव्यक्ति हैं यह कैलेंडर। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती को समर्पित यह कैलेंडर अपनी परिकल्पना, रचनात्मकता की सार्थकता लिए हुए है। 
 
उल्लेखनीय है कि संसद के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित करने के उद्देश्य से प्रत्येक साल किसी खास विषय पर आधारित कैलेंडर लाने की परंपरा है। इस परंपरा की शुरुआत 1999 में हुई। 
 
1999 का कैलेंडर : 1999 का कैलेंडर लोकसभा में स्थित भित्ती चित्रों यानी मुराल पेंटिंग्स पर आधारित था।
2015 का कैलेंडर : 20015 के कैलेंडर में लोकसभा के सम्मानित सांसदों की तस्वीरों का समावेश किया गया था। 
2016 का कैलेंडर : 2016 के कैलेंडर में संसद भवन की खूबसूरती को बताया गया, जब विशेष अवसरों पर उसे सजाया गया।
2017 का कैलेंडर : 2017 का कैलेंडर में हरियाली की चादर ओढ़े लोकतंत्र के सबसे बड़े म‍ंदिर को प्रदर्शित किया गया था।
2018 का कैलेंडर : 2018 का कैलेंडर संसद भवन के भित्ती लेखों पर आधारित रहा।
2019 का कैलेंडर : 2019 का कैलेंडर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं उनके संदेशों को समर्पित है।

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