कमलनाथ ने रची थी ज्योतिरादित्य सिंधिया को हराने की साजिश, MP के मंत्री ने किया यह दावा...

Webdunia
रविवार, 1 मई 2022 (00:30 IST)
भोपाल। मध्य प्रदेश के मंत्री ओपीएस भदौरिया ने शनिवार को दावा किया कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अपने तत्कालीन पार्टी सहयोगी ज्योतिरादित्य सिंधिया को गुना से हराने की साजिश रची थी।

सिंधिया जो कि 2020 में अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल हो गए थे जिससे बाद मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार अल्पमत में आकर गिर गई थी। सिंधिया को 2019 के आम चुनावों में भाजपा के केपी यादव ने गुना लोकसभा सीट से सवा लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित किया था।

हालांकि प्रदेश कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक मंत्री भदौरिया के दावे को खारिज कर दिया और कहा सिंधिया अपने सामंती अहंकार के कारण हारे थे।

शिवराज सिंह चौहान की सरकार में शहरी प्रशासन राज्य मंत्री भदौरिया ने शनिवार को ग्वालियर में कहा, कांग्रेस सिंधिया जी से डरती है। कांग्रेस दहशत में है। कमलनाथ ने सिंधिया जी को हराने की साजिश रची (2019 के लोकसभा चुनाव में) क्योंकि वह कमलनाथ के लिए एक बड़ी चुनौती थे।

इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कमलनाथ ने यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया, उस समय भाजपा उम्मीदवार ने उन्हें (सिंधिया को) हराया था। इसलिए यह भाजपा का आंतरिक मामला है। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता और कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने सवाल किया कि भदौरिया पिछले तीन साल से इस मुद्दे पर चुप क्यों रहे। उन्होंने सिंधिया का मजाक उड़ाया और कहा कि सिंधिया यह दावा करने के बावजूद हार गए कि उनके परिवार का गुना के लोगों के साथ 300 सालों का संबंध है।

सलूजा ने आगे पूछा कि अगर क्षेत्र और वहां के लोगों से गहरे जुड़ाव का यह दावा सही है तो कमलनाथ राजधानी भोपाल में बैठकर सिंधिया को कैसे हरा सकते हैं। सलूजा ने कहा, सिंधिया ‘सामंती अहंकार’ के कारण हार गए। मंत्री (भदौरिया) इस तरह का बयान देकर मतदाताओं के साथ-साथ गुना से भाजपा के लोकसभा सांसद केपी यादव का भी अपमान कर रहे हैं।

कभी सिंधिया के समर्थक रहे यादव ने भाजपा में शामिल होने के बाद 2019 के आम चुनावों में ग्वालियर के शाही वंशज सिंधिया को हराया था। सिंधिया स्वयं मार्च 2020 में अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए जिससे मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार का पतन हुआ और चौहान के नेतृत्व में भाजपा वापस सत्ता में आई।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख