मदुरै। तमिलनाडु के मदुरै में पुलिस ने सड़कों पर भीख मांगती लिंग परिवर्तन कराने वाली डॉक्टर को बचाया है। पुलिस अब उनकी एक क्लिनिक खोलने में मदद कर रही है।
लिंग परिवर्तन कराने वाली डॉक्टर ने नाम न छापने की गुजारिश की है। उम्मीद है कि वह रिकॉर्ड में उचित बदलाव कराने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद का रुख करेंगी और क्लिनिक खोलेंगी।
वह 2018 में मदुरै सरकारी चिकित्सा कॉलेज से स्नातक हुई थीं। उन्होंने महिला बनने के लिए लिंग परिवर्तन का ऑपरेशन कराया, जिसके बाद उनके परिवार ने उनका बहिष्कार कर दिया। इस ऑपरेशन के बाद उन्हें उस अस्पताल ने निकाल दिया, जहां वह एक साल से काम कर रही थीं।
तिलगर तिडल पुलिस ने हाल में दुकानदारों को परेशान करने और भीख मांगने के आरोप में कुछ किन्नरों को हिरासत में लिया था।
पुलिस निरीक्षक जी कविता ने बताया कि शुरुआत में तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि वह एक डॉक्टर हैं। वह रो पड़ीं और कहा कि उनके पास मेडिकल डिग्री है, लेकिन यह पहले वाले नाम पर है।
पुलिस ने दस्तावेजों का सत्यापन किया और मदुरै चिकित्सा कॉलेज के डॉक्टरों से संपर्क किया और पुष्टि की कि लिंग परिवर्तन करने वाली डॉक्टर कॉलेज में एक पुरुष थीं।
अस्पताल से निकाले जाने के बाद उनके पास जिंदगी गुजारने का कोई साधन नहीं था तो हाल में किन्नरों के साथ भीख मांगने के लिए शामिल हो गई थीं। बहरहाल कविता उनका मामला लेकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों के पास गईं ताकि उनकी मुमकिन मदद की जा सके।
किन्नरों के लिए काम करने वाले संगठन सहोदरी फाउंडेशन की स्थापना करने वाली कल्कि ने मंगलवार को कहा कि लिंग के आधार उन्हें नौकरी देने से इनकार करना मानवाधिकार का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल लिंग के आधार पर किसी को भी नौकरी से नहीं निकाल सकता है और अगर अदालत का फैसला डॉक्टर के पक्ष में आ जाता है तो अस्पताल को उन्हें बहाल करना होगा। (भाषा)