जमीन धंसने से झुकने लगा 11वीं सदी का ऐतिहासिक महादेव मंदिर

Webdunia
बुधवार, 26 जुलाई 2017 (13:00 IST)
दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के समलूर स्थित 11वीं शताब्दी के प्राचीनकालीन महादेव मंदिर का दक्षिण-पश्चिमी कोना जमीन में धंसने की वजह से एक तरफ झुकने लगा है।
 
झुकने की यह रफ्तार जारी रही तो मंदिर के जल्द ही जमींदोज होने की आशंका बनी हुई है, लेकिन मंदिर के संरक्षण का जिम्मा लेने वाला केंद्रीय पुरातत्व विभाग ऑर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने अब तक कोई एहतियाती उपाय शुरू नहीं किए हैं। 
 
2 साल पहले विभाग की टीम ने इस मंदिर के केमिकल प्रीजर्वेशन के नाम पर पत्थरों पर चूना और अन्य रंग-रोगन की परत हटाने का काम किया था। इसी दौरान बलुई पत्थरों से निर्मित मंदिर की दीवारों में मसाला भरकर दरारों को ढंक दिया जिससे समस्या का स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है।
 
इस प्रक्रिया के 2 साल बाद मंदिर का दक्षिण-पश्चिमी कोना दबने का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। गर्भगृह में स्थित शिवलिंग और कलात्मक जलहरी भी एक तरफ हल्की झुकी हुई है। मंदिर के मंडप में मूर्तियों के आले भी हल्के झुके हुए हैं। स्थानीय युवा और पुरातत्व के जानकार ओम सोनी ने भी मंदिर की दशा को चिंतनीय बताते कहा कि मंदिर की दबती नींव को ठीक नहीं किया गया तो इस ऐतिहासिक धरोहर को ध्वस्त होने से बचाना मुश्किल होगा।
 
समलूर निवासी ईश्वर ठाकुर ने भी मंदिर के झुकने की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ समय से ऐसा देखा जा रहा है तथा समय रहते कोई उपाय करना जरूरी है। इस बारे में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के कंजर्वेशन असिस्टेंट विजय कुमार का कहना है कि बीते साल केमिकल प्रिजर्वेशन का काम हुआ है, मरम्मत के बारे में अभी कोई इस्टीमेट नहीं बना है। बारसूर के मामा-भानजा मंदिर की तर्ज पर समलूर में नागर शैली में निर्मित मंदिर 11वीं शताब्दी में तत्कालीन नागवंशी शासक सोमेश्वर देव की महारानी सोमलदेवी ने बनवाया था।
 
सोमलदेवी के नाम पर ही समलूर गांव बसाया गया था। इस मंदिर की जलहरी व शिवलिंग बत्तीसा मंदिर की जलहरी से मिलती-जुलती शैली में बनी है। विशिष्ट नक्काशीदार जलहरी वाले इस शिवालय को देखने बड़ी संख्या में सैलानी व दर्शनार्थी पहुंचते हैं। 
 
मंदिर में सावन सोमवार के अलावा महाशिवरात्रि, माघ पूर्णिमा जैसे खास अवसरों पर दर्शनार्थियों की कतार लगती है। महाशिवरात्रि पर मंदिर परिसर के बाहर मेला लगता है। ऐसे में भीड़ के वक्त कोई हादसा होने की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता। (वार्ता)
Show comments

जरूर पढ़ें

Israel-Iran Conflict : इजराइल-ईरान में क्यों है तनाव, भयंकर युद्ध हुआ तो भारत पर क्या होगा असर

एयर इंडिया विमान हादसे का क्या कनेक्शन है जगन्नाथ मंदिर और अच्युतानंद महाराज की गादी से

विमान हादसे में तुर्की का तो हाथ नहीं? बाबा रामदेव के बयान से सनसनी

इंसानी गलती या टेक्नीकल फॉल्ट, AI-171 के ब्लैक बॉक्स से सामने आएगा सच, जानिए कैसे खोलते हैं हादसे का राज

डोनाल्ड ट्रंप बोले- ईरान के पास बातचीत का दूसरा मौका, परमाणु समझौता कर तबाही को बचा लो

सभी देखें

नवीनतम

छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला, पुलिस की डिक्शनरी से हटेंगे ये 109 शब्द

एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर पूर्व एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने किया यह दावा

Ahmedabad Plane Crash : मल्लिकार्जुन खरगे ने किया घटनास्‍थल का दौरा, बोले- हादसे के लिए जवाबदारी तय हो, पीड़ितों के परिजनों को देना चाहिए मुआवजा

तनाव और बढ़ा, इजराइल की खुली धमकी, हमले जारी रहे तो तबाह हो जाएगा तेहरान

अहमदाबाद विमान हादसे को लेकर क्‍या बोलीं प्रियंका गांधी

अगला लेख