पणजी। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने शुक्रवार को विधानसभा को बताया कि लोग कुत्ते और बिल्ली के जिंदा बच्चों को कचरे में फेंक देते हैं। उन्होंने बताया कि अपशिष्ट उपचार संयंत्र में कचरे को अलग करने के दौरान इससे 25 कुत्ते के तथा बिल्ली के 35 बच्चों को बचाया गया है। गोवा अपशिष्ट प्रबंधन कॉर्पोरेशन संयंत्र सालिगाओ गांव में स्थित है। यहां उत्तर गोवा के विभिन्न गांवों तथा पंचायतों से एकत्र किए गए कचरे का निस्तारण किया जाता है।
उन्होंने बताया कि हम लोगों को जो कचरा मिलता है, वह मिला-जुला होता है। हमें कचरे में कुत्ते और बिल्लियों के जिंदा बच्चे तक फेंके हुए मिलते हैं। संयंत्र के आस-पास के इलाके में अभी 20 से 25 बिल्लियां तथा 30 से 35 कुत्ते हैं जिन्हें कचरे से निकाला गया।
मुख्यमंत्री विधानसभा में भाजपा विधायक निलेश काबराल के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उनसे कचरा निस्तारण संयंत्र में एकत्र किए गए अपशिष्ट व्युत्पन्न ईंधन के प्रसंस्करण और उसे कर्नाटक के सीमेंट फैक्टरी भेजे जाने के बारे में पूछा गया था। पर्रिकर ने बताया कि अपशिष्ट व्युत्पन्न ईंधन एक मिला-जुला कचरा है और हमें प्लास्टिक सहित सभी प्रकार के अपशिष्ट प्राप्त होते हैं जिसको 1,200 डिग्री सेल्सियस पर जलाने की आवश्यकता होती है। यही कारण है कि हमें इसे सीमेंट फैक्टरी भेजना होता है। (भाषा)