Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

कौन है मराठा आंदोलन के पीछे..?

हमें फॉलो करें कौन है मराठा आंदोलन के पीछे..?
मुंबई में मराठा आंदोलन की वजह से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया।  जिस तरह से समाज के लोग जिनमें युवा, महिलाएं, बड़े सभी शामिल हैं, एकजुट होकर सामने आए हैं, उसने सभी राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है। क्योंकि इस आंदोलन का नेतृत्व कोई भी राजनीतिक पार्टी नहीं कर रही है।
औरंगाबाद से शुरु हुई मराठा आंदोलन की आग धीरे-धीरे पूरे महाराष्ट्र में फैल रही है। राज्य में प्रभावशाली माने जाने वाले मराठा समाज की तीन बड़ी मांगें हैं। इनमें एक मांग यह भी है कि कोपर्डी कांड के बलात्कारियों और हत्यारों को फांसी की सजा दी जाए। उल्लेखनीय है कि इस कांड के आरोपी दलित समाज से ताल्लुक रखते हैं।
webdunia
समाज की एक और मांग है कि एट्रोसिटी कानून यानी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) अधिनियम को रद्द किया जाए। इस कानून के कई बार दुरुपयोग की भी खबरें सामने आती हैं। मराठा समाज की तीसरी और सबसे बड़ी मांग है कि मराठा समाज को शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण दिया जाए।
webdunia
मराठों की तीसरी यानी आरक्षण की मांग सबसे अहम है और इसी के आधार पर लोग धीरे-धीरे एकजुट हो रहे हैं। हालांकि मराठा समाज को सामाजिक और राजनीतिक तौर पर राज्य में काफी प्रभावशाली माना जाता है, लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि सभी मराठे आर्थिक रूप से सक्षम नहीं हैं। एक व्यक्ति का कहना था, मैं मराठा हूं और मेरे पास सिर्फ एक-डेढ़ एकड़ ही जमीन है, लेकिन मेरे पास गरीबी रेखा के नीचे वाला राशनकार्ड नहीं है, जबकि अन्य समुदाय के लोग जिनके पास 12-15 एकड़ जमीन है, उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का फायदा मिल रहा है। ऐसा क्यों?
webdunia
मराठा आंदोलन का आखिरी पड़ाव मुंबई में होगा, जहां 25 लाख मराठों को एकत्रित करने की योजना है। 9 अगस्त को औरंगाबाद में मराठा समाज का सबसे पहला मोर्चा निकला था, जिसमें पांच लाख से ज्यादा मराठा शामिल हुए थे।
 
कौन है इस आंदोलन के पीछे : अभी तक तो यही खबरें आ रही हैं कि मराठा आंदोलन को किसी राजनीतिक दल का समर्थन प्राप्त नहीं है, लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि आखिर मराठों की इस मुहिम के पीछे है कौन? इसके लिए दो नाम सामने आ रहे हैं, एक धार्मिक नेता भय्यू महाराज और दूसरे राकांपा नेता शरद पवार। पवार और भय्यू महाराज दोनों ही मराठा समुदाय से आते हैं। पवार का तो महाराष्ट्र में राजनीतिक वर्चस्व है और उनकी गिनती बड़े मराठा नेताओं में होती है।
 
एक टीवी चैनल के मुताबिक, इस आंदोलन के पीछे भय्यू महाराज की बड़ी भूमिका है। विलासराव देशमुख के शासनकाल में भय्यू महाराज उर्फ उदयसिंह राव देशमुख की राज्य की सत्ता पर अच्छी पकड़ थी और साथ ही राज्य में उनके ट्रस्ट के कई प्रकल्प भी संचालित हो रहे थे, जिनके माध्यम से वे किसानों और अन्य लोगों से सीधे जुड़े थे। 
 
दरअसल, देवेन्द्र फडणवीस के मुख्‍यमंत्री बनने के बाद राज्य में ब्राह्मण लॉबी सक्रिय हो गई है और लंबे समय से सत्ता पर काबिज रहे मराठा समुदाय को बिलकुल भी रास नहीं आ रहा है। अत: मराठा आंदोलन को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है। आरक्षण आंदोलन की आड़ में राज्य सत्ता को चुनौती देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि यह आंदोलन आने वाले समय में क्या मोड़ लेगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिन उथल-पुथल वाले हो सकते हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर मोदी ने दिया यह मंत्र, बोले...