यादव परिवार में खटास, खमोश है सैफई

Webdunia
गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016 (18:00 IST)
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के निकट आने के साथ 'यादव परिवार' में बढ़ती दूरियां राजनीति के गलियारों से लेकर सड़कों तक चर्चा का केन्द्र बनी हुई है, मगर हालिया घटनाक्रम से हतप्रभ उनके पैतृक गांव इटावा में सैफई के बाशिंदे खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं। 
सैफई में युवा से लेकर बुजुर्ग तक इस बात से बेहद दुखी है कि मुलायम परिवार के रिश्तों में आई खटास दूर होने का नाम नहीं ले रही है। कुछ महीने पहले तक सैफई के लोग मुलायमसिंह यादव, रामगोपाल यादव, शिवपाल, अखिलेश और समाजवादी पार्टी की चर्चा करने मे पीछे नहीं रहते थे मगर बदलते हालात के बीच सैफई की गली चौराहों में कोई राजनीति की बात छेड़ना नहीं चाहता।
 
बहुत कुरेदने पर कुछ अखिलेश यादव के पक्ष में खड़े नजर आते हैं तो कुछ उनके पिता मुलायमसिंह यादव को सही मानते हैं, मगर आम राय यह है कि सैफई की शान यादव परिवार के आपसी मतभेद जल्द दूर हो और प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी पार्टी (सपा) सत्ता पर काबिज हो।
 
सपा अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव ने चंद रोज पहले सैफई में ही अपने भाई शिवपालसिंह यादव को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी थी। उसके बाद अखिलेश और शिवपाल के बीच बढ़ती तनातनी से यहां के बाशिंदे आहत दिखे मगर सैफई गांव के लोगों ने इस प्रकरण से खुद को दूर रखा। उसके बाद लखनऊ में सब कुछ होता रहा मगर किसी ने रायशुमारी नहीं की। जिस दिन लखनऊ और इटावा या फिर जसवंतनगर में प्रदर्शन हुआ उस दिन भी सैफई के लोगों ने इस विवाद से अपने आप को पूरी तरह से अलग ही रखा।
 
गांव में तीन पहिए वाली साइकिल पर घूम रहे एक बुजुर्ग रामरतन ने कहा कि वह सौ साल की उम्र को पार कर गए हैं। उम्रदराज रामरतन ने सैफई गांव के विकास की लंबी चर्चा की मगर यादव परिवार में चल रही खींचतान के बारे में सीधे कहा कि इस बारे में हम कुछ नहीं कहेंगे।
 
सपा अध्यक्ष मुलायमसिंह यादव के बेहद करीबी सैफई गांव के प्रधान दर्शनसिंह यादव ने कहा कि घर की लड़ाई है, हम बीच में क्यों टांग अड़ाएं। आज लड़ रहे हैं, कल फिर एक हो जाएंगे।
 
अखिलेश ने समर्थकों को टाइट किया : सपा में जारी उठापटक को शांत करने के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने समर्थकों से चिट्ठी-पत्री नहीं लिखने की सख्त हिदायत दी है।
 
यादव ने समर्थकों से कहा कि वे इस तरह की कोई हरकत न करें जिससे गलत संदेश जाए। उनका कहना था कि पार्टी को मजबूत करने के लिए धैर्य और शांति जरूरी है। इससे पहले मुख्यमंत्री के समर्थक और विधान परिषद सदस्य उदयवीर सिंह ने सपा अध्यक्ष मुलायम को चिट्ठी लिखकर अखिलेश यादव को पार्टी अध्यक्ष बनाने की मांग की थी।
 
उदयवीर ने अपनी चिट्ठी में यादव के परिवार में चल रहे विवाद के बारे में विस्तृत रूप से लिखा था। इसके जवाब में मुलायम समर्थक समझे जाने वाले विधान परिषद सदस्य आशु मलिक ने उदयवीर सिंह को करारा जवाब देते हुए चिट्ठी लिखी थी। यह दोनों चिट्ठियां ही सार्वजनिक हो गईं।
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