मुंबई। NCB और उसके क्षेत्रीय निदेशक समीर वानखेड़े मादक पदार्थ मामले में उनके खिलाफ लगे वसूली के आरोपों में सोमवार को महानगर की एक विशेष अदालत पहुंच गए। एनसीबी और समीर वानखेड़े ने अदालत में हलफनामे दाखिल किए हैं।
NCB के डिप्टी डायरेक्टर जनरल ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा कि समीर वानखेड़े पर लगे भ्रष्टचार के आरोपों की विजिलेंस जांच हो रही है। समीर वानखेड़े भी कल मंगलवार को दिल्ली आ रहे हैं. दिल्ली स्थित NCB हेडक्वार्टर में उनको लेकर चर्चा भी हो रही है।
एनसीबी ने 3 अक्टूबर को मुंबई के तट के पास, गोवा जा रहे एक क्रूज़ पोत पर छापेमारी के बाद शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान (23) और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने क्रूज़ से मादक पदार्थ जब्त करने का दावा किया है।
वानखेड़े ने अदालत में दाखिल हलफनामे में उनके खिलाफ लगे सभी आरोपों से इंकार किया है और दावा किया कि उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है क्योंकि ईमानदार एवं निष्पक्ष जांच कुछ निर्हित स्वार्थों के अनुकूल नहीं है।
वानखेड़े ने यह भी दावा किया कि उन्हें कुछ जाने-माने राजनीतिक हस्तियों ने भी निशाना बनाया है और इसके पीछे उनका केवल एक ही कारण समझ आता है क्योंकि एनसीबी ने इस शख्स के दामाद समीर खान को गिरफ्तार किया था। समीर खान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता एवं महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक के दामाद हैं। एनसीबी ने हलफनामे में अनुरोध किया है कि मामले के सबूतों के साथ छेड़छाड़ और जांच प्रभावित नहीं होनी चाहिए।
मामले में 'स्वतंत्र गवाह' प्रभाकर सैल ने रविवार को दावा किया था कि स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) के एक अधिकारी और कथित तौर पर फरार गवाह केपी गोसावी सहित अन्य ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की है। सैल ने पत्रकारों से कहा था कि आर्यन को तीन अक्टूबर को एनसीबी कार्यालय लाने के बाद उन्होंने गोसावी को फोन पर सैम डिसूजा नामक एक व्यक्ति से 25 करोड़ रुपये की मांग करने और मामला 18 करोड़ रुपए पर तय करने के बारे में बात करते हुए सुना था, क्योंकि उन्हें आठ करोड़ रुपये समीर वानखेडे (एनसीबी के जोनल निदेशक) को देने थे। सैल ने दावा किया था कि वह जल्द ही सबूत भी पेश करेंगे।
एनसीबी और वानखेड़े ने सोमवार को अदालत को सौंपे गए अपने हलफनामे में इन दावों को खारिज किया है। वानखेड़े ने हलफनामे में कहा कि क्रूज़ मादक पदार्थ मामले की जांच की अगुवाई करने के बाद से, कई जाने-माने राजनेता मुझे निजी तौर पर निशाना बना रह हैं, ऐसा करने का उचित कारण तो उन्हें ही पता होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें तो ऐसा करने का केवल एक ही कारण समझ आता है कि एनसीबी ने उस राजनेता के दामाद समीर खान को गिरफ्तार किया है।
वानखेड़े ने दावा किया कि उनके और उनके परिवार से व्यक्तिगत बदला लिया जा रहा है। उन्होंने कहा, उन पर लगातार गिरफ्तारी का खतरा बना हुआ है क्योंकि ईमानदार एवं निष्पक्ष जांच कुछ निर्हित स्वार्थों के अनुकूल नहीं है। वानखेड़े ने कहा कि वह खुद को बेकसूर साबित करने के लिए जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में समाज के उच्च वर्ग के कुछ प्रभावशाली और सम्पन्न लोग शामिल हैं, जिस कारण मुझे गिरफ्तारी सहित हर प्रकार की धमकी दी जा रही है।
एनसीबी ने हलफनामे में वानखेड़े और अन्य अधिकारियों के खिलाफ लगे आरोपों को पूरी तरह गलत, गुमराह करने वाला, नुकसान पहुंचाने वाला और एनसीबी जैसी स्वतंत्र एजेंसी की छवि खराब करने का प्रयास बताया। उसने कहा कि एनसीबी के अधिकारियों के खिलाफ जबरन वसूली और धन के हस्तांतरण के आरोप चल रही जांच को कमजोर करने, दुर्भावनापूर्ण तथा गुप्त मकसद से दबाव बनाने का एक स्पष्ट प्रयास है।
एनसीबी ने कहा कि वानखेड़े तथा उसके अन्य अधिकारियों का रिकॉर्ड एकदम साफ है और वे शहर को मादक पदार्थों से मुक्त करने के लिए ईमानदारी एवं सत्यनिष्ठा से काम कर रहे हैं। एनसीबी के लिए विशेष लोक अभियोजक अद्वैत सेठना ने सोमवार को अदालत में हलफनामा दाखिल किया। सेठना ने अदालत से कहा कि सैल कुछ सबूतों को सार्वजनिक करने की धमकी दे रहा है, जो मामले की जांच को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उचित आदेश पारित किया जाना चाहिए।
सेठना की दलील सुनने और हलफनामे पर गौर करने के बाद अदालत ने कहा कि वह दिन में मामले पर उचित आदेश पारित करेगी। वानखेड़े ने रविवार को मुंबई पुलिस आयुक्त को पत्र लिख, अज्ञात लोगों द्वारा कथित सतर्कता संबंधी मामले में फंसाने के लिये उनके खिलाफ 'योजनाबद्ध' कानूनी कार्रवाई किए जाने से सुरक्षा भी मांगी थी।
वर्ष 2008 बैच के आईआरएस अधिकारी वानखेड़े ने किसी का नाम लिए बिना दावा किया था कि अत्यधिक सम्मानित सार्वजनिक लोगों ने उन्हें मीडिया के माध्यम से जेल भेजने और बर्खास्तगी की धमकी दी है। आर्यन अभी मुंबई की आर्थर जेल में बंद है। उनकी जमानत याचिका पर बंबई उच्च न्यायालय मंगलवार को सुनवाई करेगा।