एक घंटे की बारिश में पानी-पानी हो गया गोंडा का जिला अस्पताल

हिमा अग्रवाल
सोमवार, 31 मई 2021 (19:34 IST)
एक बारिश में उत्तर प्रदेश के गोंडा का जिला अस्पताल पानी-पानी हो गया। सिर्फ एक घंटे की बारिश ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को आइना दिखा दिया। यह हर हाल में शर्मनाक है लेकिन कोविड काल में अक्षम्य अपराध है और अपराधी हैं जिला अस्पताल और जिले के हाकिम। यह प्राकृतिक नहीं बल्कि घोर लापरवाही है। मात्र एक घंटे की बरसात में यह हाल हुआ तो मानसून पूर्व और मानसून के दौरान क्या नाव चलानी पड़ेगी! क्या रोग निवारण केंद्र की जगह जिला अस्पताल संक्रमण केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है!

हालात यह हो गए हैं कि कोविड जांच केंद्र, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे विभागों के साथ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी का दफ्तर भी तालाब में स्थित नजर आया। चारों तरफ अफरातफरी मच गई। मरीजों के साथ कोविड की जांच कराने आए तीमारदारों को ही अपने मरीजों को स्ट्रेचर पर सुरक्षित कोना तलाशने की कवायद करनी पड़ी। एक वार्ड से दूसरे वार्ड में ले जाते समय तीमारदारों को बरसात में भी पसीने आ गए क्योंकि जिला अस्पताल की सड़कों में इतने गड्ढे हैं कि उनको एक-एक कदम देखभाल कर रखना पड़ रहा था क्योंकि स्ट्रेचर पर मरीज की हालत एक झटके में भी बिगड़ सकती थी। जिला अस्पताल के कर्मचारियों के नदारद होने या हाथ पर हाथ रखने की वजह से तीमारदारों की हालत खराब दिखाई दी।

कोरोना की जांच कराने आए पेशेंट्स को भी जलभराव से दिक्कत आ रही थी, एक तो तबीयत खराब और ऐसे में पानी के अन्दर चलना मुसीबत का सबब बन गया। जलभराव होने की वजह जानने के लिए संभवतः कोई जांच समिति गठित हो जो दोषियों को चिन्हित करे लेकिन यह कोई भी व्यक्ति टीन का चश्मा पहनकर भी बता सकता है कि जलभराव नाली-नालों के उफनने की वजह से हुआ यानी नालों की सिल्ट साफ नहीं हुई, कचरे ने जल निकासी अवरुद्ध कर दी। महामारी के इस दौर में यह अक्षम्य अपराध से कम कुछ भी नहीं है।

जिला अस्पताल ही नहीं उसके आसपास के तमाम इलाके जलमग्न हो गए और सड़कों पर गंदगी बहने लगी। नाले-नालियां और सड़क एकाकार हो गए। ईदगाह के आसपास के बाजार और रिहायशी इलाके तालाब बन गए। गोंडा अकेला शहर नहीं है बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में नगर निगमों और नगर पालिकाओं की कार्यप्रणाली सालों से रोगग्रस्त है जिसकी वजह से पूरब से लेकर पश्चिम तक बारिश का जीवन नारकीय हो जाता है। बीमार नगर निगमों और पालिकाओं का अगर तत्काल उपचार नहीं किया गया तो महामारी के दौर में बीमारियों के छत्ते बनने की प्रबल संभावना है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Exit Poll : वोटिंग खत्म होने के बाद RSS मुख्यालय पहुंचे देवेंद्र फडणवीस, मोहन भागवत से की मुलाकात

Exit Poll 2024 : झारखंड में खिलेगा कमल या फिर एक बार सोरेन सरकार

महाराष्ट्र में महायुति या एमवीए? Exit Poll के बाद बढ़ा असमंजस

महाराष्‍ट्र बिटकॉइन मामले में एक्शन में ईडी, गौरव मेहता के ठिकानों पर छापेमारी

BJP महासचिव विनोद तावड़े से पहले नोट फॉर वोट कांड में फंसे राजनेता

सभी देखें

नवीनतम

इंदौर में हटेगा BRTS, मुख्यमंत्री मोहन यादव का बड़ा ऐलान

BJP ने केजरीवाल के आवास के बाहर किया प्रदर्शन, हिरासत में लिए गए नेता

Moody's Ratings ने कहा, गौतम अडाणी पर रिश्वत के आरोप साख की दृष्टि से नकारात्मक

अमेरिका के रिश्‍वतखोरी के आरोपों पर क्या बोले अडाणी?

नरेंद्र मोदी गौतम अडाणी को बचा रहे हैं, राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस की 5 बड़ी बातें

अगला लेख