'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' अब भी जारी, आकस्मिक घटना से निपटने के लिए सैनिक सजग व सतर्क

Webdunia
शनिवार, 22 जनवरी 2022 (15:49 IST)
उधमपुर (जम्मू-कश्मीर)। 'ऑपरेशन स्नो लेपर्ड' अब भी जारी रहने के साथ ही सैनिक चौकन्ने हैं और किसी तरह की आकस्मिक घटना से निपटने के लिए तैयार हैं। सेना के उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने शनिवार को यह बात कहा और कहा कि लद्दाख में वार्ता के माध्यम से सैनिकों एवं हथियारों को पीछे हटाने पर ध्यान देना जारी है।

ALSO READ: जम्मू-कश्मीर के डोडा क्षेत्र में आया 4 तीव्रता का भूकंप, जान-माल का नुकसान नहीं
 
जनरल ऑफिसर-कमांडिंग इन चीफ (जीओसी-इन-सी), जोशी ने जम्मू-कश्मीर में यहां उत्तरी कमान के मुख्यालय में उसके अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा ये बातें कहीं। समारोह में लद्दाख अभियान में शामिल इकाइयों के हिस्से सबसे ज्यादा प्रशस्ति-पत्र आए।
 
उन्होंने कमान व्यवस्था में 'असाधारण' और 'उत्कृष्ट' प्रदर्शन के लिए 40 इकाइयों को जीओसी-इन-सी की प्रशस्ति और 26 इकाइयों को जीओसी-इन-सी का 'प्रशस्ति प्रमाण-पत्र' दिया। ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन रक्षक, ऑपरेशन नॉर्दर्न बॉर्डर्स और कमान में अन्य अभियानों में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी का प्रशस्ति पत्र दिया गया। ऑपरेशन 'स्नो लेपर्ड' में इकाइयों के प्रदर्शन के लिए जीओसी-इन-सी के प्रशस्ति प्रमाण-पत्र दिए गए। यह अभियान चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख में वापस जाने और यथास्थिति बहाल करने से इंकार करने के बाद शुरू किया गया था।
 
सैन्य कमांडर ने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों केंद्र शासित प्रदेशों का महत्व भली-भांति ज्ञात है और हमने इस क्षेत्र की सुरक्षा के संबंध में पूरे समर्पण से हमारी भूमिका निभाई है और हमारा पूरा वर्चस्व बरकरार रखा है चाहे वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) हो, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), वास्तविक जमीनी स्थिति रेखा (एजीपीएल) या फिर अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) हो। उन्होंने कहा कि उत्तरी कमान के बहादुर सैनिकों ने दुश्मन के आक्रामक मंसूबों को नाकाम कर दिया।
 
चीनी आक्रामकता के मद्देनजर लद्दाख में घटनाक्रमों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के साथ टकराव वाले स्थानों से पीछे हटने का कार्य कई इलाकों से शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कर लिया गया है और वार्ता के जरिए अन्य इलाकों से पीछे हटने के प्रयास जारी हैं, हालांकि उन्होंने कहा कि बर्फ से ढंकी चोटियों में सैनिक पूरी तरह चौकन्ने हैं।
 
'ऑपरेशन रक्षक' के तहत चलाए गए आतंकवादरोधी अभियान पर उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों ने आतंकवाद, अलगाववाद और बंदूक संस्कृति को खारिज कर दिया है और कई वर्षों के बाद घाटी में आतंकवादियों की संख्या 200 से नीचे चली गई है, जो एक 'बड़ी उपलब्धि' है।
 
जोशी ने कहा कि एलओसी पर संघर्षविराम ने सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासियों को राहत प्रदान की है। लेकिन आतंकियों की घुसपैठ की कोशिशें जारी हैं जिन्हें हमारे सतर्क सुरक्षाकर्मी नाकाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए 2021 को शनिवार को 'एतिहासिक साल' बताया, जब सैनिकों ने एलओसी और एलएसी में 'आक्रामक मंसूबों' के खिलाफ खड़े होने में साहस दिखाया। लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि सुरक्षा बलों और जम्मू-कश्मीर के लोगों के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप आतंकवाद संबंधित घटनाओं, पथराव गतिविधियों और विरोध प्रदर्शनों में कमी आई है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

ATM से अतिरिक्त निकासी पर शुल्क बढ़ा, जानिए कब से लागू होंगे यह charges

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

ईद पर मुंबई में विस्फोट और दंगों की चेतावनी, सुरक्षा बढ़ाई गई

सभी देखें

नवीनतम

Infinix का नया सस्ता 5G स्मार्टफोन, फीचर्स मचा देंगे तहलका

रोज 5 घंटे मोबाइल पर बिता रहे भारतीय, मोबाइल का मायाजाल जकड़ रहा जिंदगी, ये रिपोर्ट कर रही अलर्ट

ATM से रुपए निकलना हुआ महंगा, जा‍न लीजिए RBI का नया नियम वरना पड़ेगा पछताना

पुलिस कांस्टेबल का अश्लील वीडियो वायरल, महिला के साथ कार में मना रहा था रंगरैलियां

डल्लेवाल ने आमरण अनशन नहीं किया है समाप्त, किसान नेता कोहाड़ ने किया दावा

अगला लेख