ऑपरेशन सिंदूर में भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। पाकिस्तान अमेरिका से लगातार नजदीकियां बढ़ा रहा है। अमेरिका से रिश्ते सुधारने की कोशिश में पाकिस्तान ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने अरब सागर पर नया बंदरगाह बनाने और चलाने का ऑफर दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स की एक खबर के मुताबिक यह बंदरगाह बलूचिस्तान के ग्वादर ज़िले के पास स्थित पासनी कस्बे में बनाया जाएगा, जो भारत द्वारा ईरान में विकसित किए जा रहे चाबहार पोर्ट के बेहद करीब है।
अमेरिका के साथ समझौते
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर के सलाहकारों ने अमेरिकी अधिकारियों को लगभग 1.2 बिलियन डॉलर (करीब ₹10,000 करोड़) के इस प्रस्ताव की जानकारी दी है। बाइडन प्रशासन के दौरान अमेरिका से दूरी बना चुके पाकिस्तान ने अब ट्रंप के साथ फिर से नजदीकी बढ़ाने की कोशिश शुरू कर दी है। इसके लिए वह अमेरिका को अपने तेल, गैस और खनिज संपदा में निवेश का प्रस्ताव दे रहा है। मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद एक अमेरिकी मेटल कंपनी ने पाकिस्तान के साथ 500 मिलियन (लगभग ₹4,200 करोड़) का निवेश समझौता किया है। इसके तहत दोनों देश मिलकर रणनीतिक खनिजों की खोज करेंगे, जिनका उपयोग रक्षा और तकनीकी क्षेत्रों में होगा।
ट्रंप के साथ सीक्रेट मीटिंग के बाद ऑफर
मीडिया खबरों के अनुसार यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब सितंबर में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख आसिम मुनीर ने व्हाइट हाउस में ट्रंप से बंद कमरे में मुलाकात की थी। बैठक के दौरान शरीफ ने अमेरिकी कंपनियों से पाकिस्तान के खनन और ऊर्जा क्षेत्र में निवेश की मांग की। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों में दिखा कि मुनीर ने ट्रंप को दुर्लभ खनिजों से भरा लकड़ी का बॉक्स प्रेजेंट किया ताकि पाकिस्तान के खनिज संसाधनों का प्रदर्शन किया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका इस पोर्ट पर एक टर्मिनल बनाएगा और उसे ऑपरेट करेगा। इससे पाकिस्तान के क्रिटिकल मिनरल्स तक उसकी पहुंच हो सके। पासनी, बलूचिस्तान का वही इलाका है जो अफगानिस्तान और ईरान की सीमाओं से सटा हुआ है।
भारत के लिए क्यों है चिंता की बात
पाकिस्तान ने अमेरिका को यह दिखाने की कोशिश की है कि पासनी की ईरान और मध्य एशिया के नजदीक स्थिति उसे व्यापार और सामरिक दृष्टि से एक महत्वपूर्ण विकल्प बना सकती है। पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह भी है, जिसकी देखरेख चीन करता है। पसनी (जहां अमेरिका को पोर्ट बनाने का प्रस्ताव दिया गया है), ग्वादर से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर मौजूद है। वहीं भारत द्वारा बनाए जा रहे चाबहार बंदरगाह से 300 किमी दूरी पर स्थित है। पाकिस्तान एक तरफ चीन के साथ साझेदारी बनाए रखे हुए है तो दूसरी ओर अमेरिका को भी आकर्षित करने की कोशिश कर रहा है। Edited by : Sudhir Sharma