पटना। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने गुरुवार को घोषणा की कि देश के कद्दावर राजनेताओं के लिए पर्दे के पीछे से काम करने के बाद अब वे अपने गृहराज्य बिहार को बदलने के उद्देश्य से समान विचारधारा वाले लोगों का एक मंच बनाने का इरादा रखते हैं। एक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की अटकलों को खारिज करते हुए किशोर ने कहा कि इसकी बजाय वे बिहार के विकास के लिए काम करेंगे।
हालांकि उन्होंने अपने नए विकासात्मक मंच द्वारा अंतत: एक पार्टी के गठन की संभावना को खुला छोड़ दिया है। 2 साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू से निष्कासन के तुरंत बाद शुरू किए गए 'बात बिहार की' की अवधारणा के समान अपने प्रस्तावित अभियान 'जन सुराज' की चर्चा करते हुए किशोर ने कहा कि बिहार को बदलने के लिए एक नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है'।
उन्होंने कहा कि कुछ 17,500-18,000 लोगों की पहचान की गई है, जो इस प्रयास में शामिल हो सकते हैं और वे अगले कुछ महीनों में उनके साथ चर्चा करेंगे। किशोर ने अपने पिछले अभियान 'बात बिहार की' का जिक्र करते हुए कहा कि इसके लॉन्च के तुरंत बाद कोविड 19 महामारी ने दस्तक दे दी थी जिसने सभी सार्वजनिक गतिविधियों को ठप कर दिया था।