AMU हिंसा : पुलिस ने कबूल की रोजेदार छात्रों की इफ्तार दावत

Webdunia
शनिवार, 28 दिसंबर 2019 (22:23 IST)
अलीगढ़ (उप्र)। संशोधित नागरिकता कानून (Amended citizenship law) के खिलाफ अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) में हाल में हुई हिंसा में आमने-सामने खड़े छात्र और पुलिस शुक्रवार को इफ्तार के दौरान एक ही दस्तरख्वान पर नजर आए।

एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने शनिवार को बताया कि सीएए के खिलाफ देश में जगह-जगह हुए हिंसक प्रदर्शन में हताहत हुए लोगों के लिए शुक्रवार को धर्मगुरुओं के आह्वान पर अनेक छात्रों ने रोजा रखा था। शाम को छात्रों ने बाब-ए-सैयद गेट के पास इफ्तार के वक्त परिसर में तैनात पुलिसकर्मियों से भी इफ्तार में शामिल होने का आग्रह किया था।

उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने भी छात्रों की यह दावत कबूल करते हुए इफ्तार में हिस्सा लिया और सौहार्द की मिसाल पेश की। पुलिस क्षेत्राधिकारी (सिविल लाइंस) अनिल समानिया ने कहा कि वह छात्रों की तरफ से की गई पहल की सराहना करते हैं और पुलिस ने इफ्तार में शामिल होकर वाजिब काम किया।

फैजुल हसन ने कहा कि यह गांधीवादी तरीका सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन जारी रखते हुए समाज में अमन कायम रखने का एक हिस्सा है और हमने हिंसा में मारे गए लोगों के लिए कुरान ख्वानी भी की।

हालांकि भाजपा जिला प्रवक्ता निशीथ कुमार ने इफ्तार में पुलिसकर्मियों के हिस्सा लेने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि वह आयोजन हिंसा में शामिल हुए लोगों की याद में किया गया था, लिहाजा पुलिस को उसमें शिरकत नहीं करनी चाहिए थी।
सांकेतिक फोटो

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

केन्द्रीय कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए खुशखबरी, केन्द्र सरकार ने बढ़ाया डीए

नासिक कुंभ के नाम को लेकर अखाड़ों में मतभेद, जानिए कब शुरू होगा मेला

ATM से अतिरिक्त निकासी पर शुल्क बढ़ा, जानिए कब से लागू होंगे यह charges

यूक्रेन के साथ युद्ध रोकने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की पेशकश, NATO को दी चेतावनी

ईद पर मुंबई में विस्फोट और दंगों की चेतावनी, सुरक्षा बढ़ाई गई

सभी देखें

नवीनतम

जिंदगी पर भारी पड़ा रील का नशा, गिरने से 'यमराज' की मौत

कठुआ ऑपरेशन में कुल 9 की मौत, इनमें 5 आतंकवादी और 4 जवान

विदेश मंत्रालय ने दी जानकारी, रूसी सशस्त्र बलों में सेवारत 18 में से 16 भारतीय लापता

चीख-पुकार, हिलती इमारतें, धुल का गुबार, हजारों के मरने की आशंका, भूकंप से तबाही की आंखों देखी

सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में 1.50 लाख अवमानना ​​मामले लंबित, सरकार ने संसद में दी जानकारी

अगला लेख