तेलंगाना में प्रसिद्ध चिलकुर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी डॉ एमवी सुंदर राजन ने मंगलवार को हैदराबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। उन्होंने याचिका के जरिये मांग की है कि तेलंगाना को 1,000 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व तिरुमाला के वेंकटेश मंदिर की ओर से दिए जाएं। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश का यह मंदिर देश के सबसे अमीर मंदिरों में गिना जाता है।
उन्होंने आरोप लगाया कि तिरुमाला मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने तेलंगाना के सैकड़ों मंदिरों की उपेक्षा की है। उच्च न्यायालय ने याचिका स्वीकार करते हुए टीटीडी के अलावा आंध्र प्रदेश और तेलंगाना सरकारों को नोटिस जारी किया है। मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के बाद होगी।
राजन के मुताबिक, टीटीडी ने एंडोमेंट्स एडमिनिस्ट्रेशन फंड और एंडोमेंट्स डिपार्टमेंट के कॉमन गुड्स फंड के लिए क्रमशः सात और पांच फीसद की निधि योगदान में दी है। इसका मकसद जीर्ण-शीर्ण पड़े मंदिरों का निर्माण, पुजारियों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रम चलाना और अन्य धर्मार्थ कार्यक्रम करवाना है।
हालांकि, टीटीडी ने साल 2003 के बाद से अपनी बकाया राशि जारी नहीं की है। साल 2014 तक बकाया राशि करीब 2,300 रुपए थी, जब संयुक्त आंध्र प्रदेश को तेलंगाना राज्य से अलग किया गया था।
राजन ने तर्क दिया कि आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच राजस्व बंटवारे के 52:48 के फार्मूले के आधार पर तेलंगाना को टीटीडी से 1,000 करोड़ रुपए का अपना मिलना बाकी है। उन्होंने कहा कि टीटीडी को साल 2014 के बाद का राजस्व रखने दें। हम बंटवारे के पहले टीटीडी के राजस्व में तेलंगाना का हिस्सा चाहते हैं।