मुंबई। मुंबई में आग से प्रभावित पब में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था और नियमों का उल्लंघन कर अतिक्रमण करने के कारण आपात निकास द्वार बाधित हो गया था। यह बात पुलिस ने कही।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आग में झुलसे लोगों की मदद करने की बजाए पब का प्रबंधक और अन्य कर्मचारी मौके से भाग गए। उन्होंने कहा, पब ने किसी सुरक्षा मानक का पालन नहीं किया था। आग की स्थिति में ग्राहकों के सुरक्षित बाहर निकलने के लिए प्रबंधन ने कोई व्यवस्था नहीं की थी।
सूत्रों ने बताया कि आपात निकास द्वार पर बाधा उत्पन्न हो गई। पब की लापरवाही के कारण 14 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य झुलस गए। उन्होंने कहा, आग में घायल हुए लोगों की कोई मदद किए बगैर प्रबंधन और अन्य कर्मचारी पब से भाग गए। इस बीच, स्थानीय निकाय के एक अधिकारी ने बताया कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका नियम उल्लंघन के मामले में पब के खिलाफ अब तक तीन बार कार्रवाई कर चुकी है।
अधिकारियों के अनुसार, पब ने अक्तूबर 2016 में नगर निकाय से अग्नि सुरक्षा एवं निर्माण अनुमति प्राप्त की थी। उन्होंने कहा, हालांकि पब ने मानकों एवं नियमों का उल्लंघन किया। अन्य उल्लंघन के साथ ही पब ने अतिक्रमण भी किया था। खुले स्थान का इस्तेमाल वाणिज्यिक गतिविधि के लिए करने पर बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने पब प्रबंधन के खिलाफ 27 मई को कानूनी कार्रवाई की थी।
अधिकारी ने बताया कि इस साल बीमएसी ने पब को चार अगस्त, 22 सितंबर तथा 27 अक्तूबर को नोटिस जारी कर खुले स्थान का अतिक्रमण छोड़ने को कहा था। पुलिस ने पब का प्रबंधन करने वाले हृतेश सांघवी, जिगर सांघवी और अभिजीत मनका के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए, 337 तथा 338 के तहत मामला दर्ज किया है। (भाषा)