पुलवामा में सेना का फ्लैग मार्च, मृतक संख्या 82

सुरेश डुग्गर
श्रीनगर। कश्मीर वादी के पुलवामा जिले में ताजा हिंसा के बाद सेना ने फ्लैग मार्च किया है। इस दौरान बडगाम जिले के नारबल इलाके में गत 5 अगस्त को झड़पों के दौरान घायल एक और युवक की अस्पताल में मौत हो गई जिसके चलते अशांति में अभी तक मरने वालों की संख्या 82 पहुंच गई है। इस बीच कश्मीर में हिंसा का चक्र आज भी जारी रहा जिसमें बीसियों लोग जख्मी हो गए। दूसरी ओर बकरीद के एक दिन पहले कश्मीर चहल-पहल से महरूम है।
पुलवामा जिले के करीमाबाद इलाके के अलावा घाटी के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पों में 12 सुरक्षाकर्मी सहित 130 से ज्यादा लोग घायल हो गए। उधर, किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए प्रशासन ने श्रीनगर के पुराने शहर, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में कर्फ्यू लगा दिया। बाकी इलाकों में धारा 144 के तहत प्रतिबंध जारी रहा। हालांकि पुलिस ने पुराने शहर के कुछ इलाकों में कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लागू करने के अलावा घाटी के किसी भी हिस्से में कर्फ्यू नहीं होने की पुष्टि की। अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल और प्रशासनिक पाबंदियों की वजह से आज लगातार 65वें दिन भी आम जनजीवन अस्त-व्यस्त रहा। हालांकि कई इलाकों में लोगों ने आजादी समर्थक रैलियों का आयोजन करने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों ने उनको नाकाम कर दिया। इसके अलावा सुरक्षाबलों ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया।
 
जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह सुरक्षाबलों ने पत्थरबाजी में शामिल 19 युवकों को हिरासत में लिया जिनमें पुलिसकर्मी से आतंकी बना मृत नासिर पंडित का भाई भी शामिल है। सुरक्षाबलों की कार्रवाई से गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया, साथ ही सुरक्षाबलों पर पथराव भी किया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसूगैस और पैलेट गन का इस्तेमाल किया।
 
दोनो पक्षों के बीच हिंसक झड़पों में 12 सुरक्षाकर्मियों सहित 120 लोग घायल हो गए। इस दौरान घटना के तुरन्त बाद पुलवामा जिले के कई इलाकों में सेना ने फ्लैग मार्च किया। इससे पहले स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि सुबह हम अपने घरों में थे, उस दौरान हमने धमाकों जैसी आवाजें सुनीं। लोग जब घरों से बाहर आए तो पुलिस और सुरक्षाबल अंधाधुंध गोलीबारी और तोड़फोड़ कर रहे थे, इसके बाद लोग सड़कों पर निकले और प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया। प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पत्थर फेंके, जिसके बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गईं। 
 
पुलवामा अस्पताल के एक डॉक्टर ने कहा कि हमारे पास करीमाबाद से जो घायल लाए गए हैं, उनकी तादाद 118 है। 19 घायलों को श्रीनगर रवाना किया गया है, जिनमें से अधिकांश की आंखें जख्मी थीं। कुछ लोगों को छर्रे, कुछ को रबर की गोली लगी है। दूसरी ओर बडगाम में घायल एक और युवक ने रविवार दोपहर दम दोड़ दिया। पांच अगस्त को गोली लगने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। मृतक की पहचान जावेद अहमद डार पुत्र गुलाम मोहम्मद डार निवासी वादवान नारबल के रूप में हुई है। 
 
उधर, अनंतनाग में 'लाल चौक चलो' मार्च को नाकाम बनाने के लिए आज सुबह कर्फ्यू लगाया गया है। पुलिस, सीआरपीएफ के अलावा सेना के आरआर ने लाल चौक की ओर जाने वाली सभी सड़कों को सील कर दिया। जिला के बोटेंगू इलाके में गत रात एक युवक की मौत के बाद आज संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती को बढ़ा दिया गया था। हालांकि जिले के जनलगाम, डूरु इलाके में लोगों ने आजादी समर्थक और भारत विरोधी रैली निकालने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उसको नाकाम कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झड़पें भी हुईं, जिसमें दर्जनों लोग घायल हो गए। 
 
कुलगाम जिले में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए लोगों ने बाइकों और कारों में रैली निकाली। जिले के कोइमु, खुदवानी, रेडवानी, रामपुरा, गुफबल, फ्रिसल, कुजर, यारीपुरा और आसपास के इलाके के लोगों ने रैली में भाग लिया। प्रदर्शनकारियों ने आजादी समर्थक और भारत विरोधी नारेबाजी करते हुए दर्जनों इलाकों में मार्च किया। बडगाम, बारामुला, कुपवाडा, श्रीनगर और अन्य इलाकों में भी सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों का अनुभव किया गया जिसमें कुछ सुरक्षाकर्मियों सहित दर्जनों लोग घायल हो गए। इन इलाकों में लोगों ने आजादी समर्थक और भारत विरोधी रैलियों का आयोजन करने की कोशिश की लेकिन सुरक्षाबलों ने उनको नाकाम कर दिया। बडघम जिले के रथसुम इलाके में लोगों ने सुरक्षाबलों पर दर्जनों मोटरसाइकलों और रैली के लिए खड़े किए गए टेंट को आग के हवाले करने का आरोप लगाया।
 
इस बीच कश्मीर में ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर रहने वाली रौनक और चहल-पहल आज फीकी रही। यहां पर जुलाई से लगातार हिंसा और बंद के कारण जनजीवन प्रभावित रहा है, जिसके कारण बाजारों में चहल-पहल नहीं है। अलगाववादियों द्वारा दिन में हड़ताल के आह्वान के बावजूद कुछ सड़कों, विशेषकर शहर के मध्य लाल चौक और आसपास के इलाकों में खासी संख्या में निजी वाहनों की आवाजाही हो रही है, जबकि दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद हैं।
 
त्योहार की पूर्व संध्या पर बेकरी, मिठाई और कपड़ों की दुकानों पर ग्राहकों की आमतौर पर भारी भीड़ देखने को मिलती थी लेकिन इन सभी दुकानों के बंद रहने के कारण रौनक गायब रही। संभ्रांत बाजार रेजीडेंसी रोड पर मशहूर मिठाई एवं बेकरी की दुकान 'मॉर्डन स्वीट्स' के बाहर एक पोस्टर लगा है जिस पर लिखा है कि 'ईद पर किसी तरह की बेकरी उपलब्ध नहीं है।' मॉर्डन स्वीट्स के सामने स्थित शक्ति स्वीट्स भी बंद पड़ी है। हालांकि शहर के कई स्थानों पर कुर्बानी के लिए जानवरों की बिक्री जारी है।
 
मवेशी विक्रेता अल्ताफ अहमद ने बताया, आमतौर पर ईद-उल-अजहा की पूर्व संख्या पर हमारे यहां जितनी बिक्री होती है उसके मुकाबले यह करीब 10 प्रतिशत है। मुझे नहीं लगता कि त्योहार के 24 घंटे से भी कम समय रह जाने के कारण इसमें किसी तरह की बढ़ोतरी होगी। अलगाववादी समूहों ने लोगों से सादगी से ईद मनाने की अपील की है।
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