nuns arrest case : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई के अध्यक्ष राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने शुक्रवार को कहा कि छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और जबरन धर्म परिवर्तन कराने के आरोपों में 2 ननों की गिरफ्तारी गलतफहमी के कारण हुई है और उन्हें जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाएगा। चंद्रशेखर ने यह बयान भारतीय कैथोलिक बिशप सम्मेलन (CBCI) के अध्यक्ष और त्रिचूर के आर्कबिशप एंड्रयूज थजथ से मुलाकात के बाद दिया।
भाजपा नेता ने उन्हें बताया कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री ने आश्वासन दिया है कि राज्य सरकार ननों की जमानत याचिका का विरोध नहीं करेगी और उन्हें जमानत पर रिहा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह एक न्यायिक प्रक्रिया है। इसे होने दीजिए। मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करें। हम इसे राजनीति के तौर पर नहीं देख रहे हैं। हम केवल लोगों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक गलतफहमी है।
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चंद्रशेखर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में निजी प्लेसमेंट एजेंसियों को विनियमित करने वाला एक कानून है जिसके तहत नौकरी के लिए एक जिले से दूसरे जिले में जाने वाली युवतियों को एक पोर्टल पर पंजीकरण कराना होता है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं किया गया। इसलिए गलतफहमी हुई और उसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।
इस बीच भाजपा की प्रदेश इकाई के प्रमुख के साथ बैठक के बाद आर्कबिशप थजथ ने कहा कि चर्च चाहता है कि ननों को जल्द ही जमानत पर रिहा कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि ननों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सुनकर दु:ख हुआ। आर्कबिशप ने यह भी कहा कि उन्होंने चंद्रशेखर को देश में ईसाई समुदाय पर बढ़ते हमलों और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में भी जानकारी दी।
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केरल की नन प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस को सुखमन मंडावी के साथ 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने स्थानीय बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया था। बजरंग दल के कार्यकर्ता ने उन पर 3 युवतियों का जबरन धर्मांतरण कराने और उनकी तस्करी करने का आरोप लगाया था।(भाषा)
Edited by: Ravindra Gupta