कश्मीर में सरकार का रास्ता साफ, मुफ्ती के बिना होगा गठजोड़

सुरेश एस डुग्गर
शुक्रवार, 10 अगस्त 2018 (18:29 IST)
जम्मू। जल्द ही कश्मीर में फिर से गठबंधन सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया है। भाजपा नेता चाहे इंकार करते रहें, पर सत्ता की भूख की खातिर भाजपा ने एक बार फिर से पीडीपी के साथ हाथ मिलाने की कवायद तेज की है। इस बार फर्क सिर्फ इतना होगा कि यह गठबंधन महबूबा मुफ्ती के बिना होगा और मुख्यमंत्री भी तीसरा पक्ष अर्थात न पीडीपी और न ही भाजपा से होगा। यह होगा कैसे, फिलहाल भाजपा पत्ते खोलने को राजी नहीं है।
 
 
सूत्रों के अनुसार भाजपा, पीडीपी के साथ दोबारा गठजोड़ कर सकती है, लेकिन महबूबा मुफ्ती के बिना। इस विषय में राम माधव की प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री कवीन्द्र गुप्ता, सत शर्मा, सुनील शर्मा, राजीव जसरोटिया और बाली भगत के साथ करीब ढाई घंटे मैराथन बैठक भी चली। सूत्रों के अनुसार पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व को लेकर भाजपा में मतभेद हैं इसलिए अगर पीडीपी की तरफ से महबूबा के बिना कोई प्रस्ताव आता है तो उस पर आगे बात हो सकती है।
 
राम माधव के आगमन के बाद राज्य में भाजपा द्वारा दोबारा गठबंधन सरकार बनाने की अटकलें जोर नहीं पकड़तीं, अगर वे बीती रात पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद अहमद गनी लोन से मुलाकात करने के अलावा गुरुवार सुबह नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री गुलाम हसन मीर से करीब 1 घंटे बैठक नहीं करते।
 
गुलाम हसन मीर इस समय बेशक विधायक नहीं हैं, लेकिन वे माकपा विधायक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के चेयरमैन एवं विधायक हकीम मोहम्मद यासिन के करीबी हैं। वे उनके साथ बीते कुछ समय से राज्य में एक तीसरे फ्रंट के गठन के प्रयास भी कर रहे हैं।
 
सही मायनों में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव के कश्मीर दौरे ने फिर राज्य की सियासत में अटकलों को जन्म दे दिया है। राम माधव ने गुरुवार को श्रीनगर में न सिर्फ भाजपा नेताओं बल्कि कई गैरभाजपा सियासतदानों व वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से राज्य में अनुच्छेद 35ए के मुद्दे पर पैदा हुए हालात पर चर्चा की। भाजपा ने दौरे का कोई अधिकारिक बयान तो जारी नहीं किया है, लेकिन बताया जा रहा है कि अमरनाथ यात्रा संपन्न होने के बाद भाजपा राज्य में फिर से सरकार बनाने की कवायद में जुटेगी।
 
ऐसे में यह देखने वाला नजारा होगा कि भाजपा एक बार फिर से सत्ता का सुख भोगने की खातिर कहां तक जा सकती है? जबकि यह सच्चाई है कि जिस जम्मू संभाग की जनता ने भाजपा को इस शिखर तक पहुंचाया था, वह पहले ही पीडीपी के साथ हुए गठबंधन के कारण नाराज थी और एक बार फिर से पीडीपी को साथ लेकर चलने की चर्चाओं ने कार्यकर्ताओं व समर्थकों में गुस्सा पनपा दिया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

कोविशील्ड वैक्सीन लगवाने वालों को साइड इफेक्ट का कितना डर, डॉ. रमन गंगाखेडकर से जानें आपके हर सवाल का जवाब?

Covishield Vaccine से Blood clotting और Heart attack पर क्‍या कहते हैं डॉक्‍टर्स, जानिए कितना है रिस्‍क?

इस्लामाबाद हाई कोर्ट का अहम फैसला, नहीं मिला इमरान के पास गोपनीय दस्तावेज होने का कोई सबूत

पुलिस ने स्कूलों को धमकी को बताया फर्जी, कहा जांच में कुछ नहीं मिला

दिल्ली-NCR के कितने स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी, अब तक क्या एक्शन हुआ?

अगला लेख