रांची। सोशल साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करना ऋचा भारती नामक एक महिला को खासा महंगा पड़ गया। अदालत ने पांच कुरान बांटने की शर्त पर उन्हें जमानत दी। ऋचा भारती ने निचली अदालत के फैसले को मानने से इनकार कर दिया। इस घटना के बाद ऋचा भारती सोशल मीडिया की सुर्खियां बनी हुई है।
ऋचा ने कहा है कि हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। ऋचा से जब यह पूछा गया कि कोर्ट ने उन्हें इसी शर्त पर जमानत दी है। इसके जवाब में उसने कहा कि नहीं, मैं कोर्ट का आदेश नहीं मानने जा रही हूं। आज मुझे कुरान बांटने के लिए बोल रहे हैं, कल बोलेंगे इस्लाम स्वीकार कर लो, नमाज पढ़ लो, कुछ और कर लो। यह कहां तक जायज है।
उल्लेखनीय है कि सोशल साइट पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर 12 जुलाई को सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया द्वारा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। शिकायतकर्ता ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि पिछले तीन दिनों से ऋचा फेसबुक साइट पर धर्म विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है। इससे क्षेत्र में कभी भी धार्मिक भावना भड़क सकती है।
रिपोर्ट दर्ज होने के तीन घंटे के भीतर पुलिस ने ऋचा भारती को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी मनीष कुमार सिंह की अदालत में इस पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने उसे अनोखी सजा सुनाते हुए सशर्त जमानत दी। सात हजार के दो निजी बांड जमा करने के बाद सोमवार को ऋचा जेल से बाहर आ गई।
आदेश के मुताबिक, ऋचा को कुरान की एक प्रति शिकायतकर्ता सदर अंजुमन कमेटी, पिठोरिया एवं अन्य चार प्रतियां रांची के सरकारी विश्वविद्यालय या कॉलेज या स्कूलों में बांटनी होगी।