आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने सतना में आयोजित एक कार्यक्रम में इशारों ही इशारों में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए अखंड भारत का संकल्प दोहराया। उन्होंने कहा कि कई सिंधी भाई यहां बैठे हैं। बेहत खुशी की बात है कि वे अविभाजित भारत में आए। परिस्थितियों ने हमें उस घर (पाकिस्तान) से यहां भेजा है क्योंकि वह घर और यह घर (भारत) अलग नहीं हैं। पूरा भारत एक घर है, लेकिन किसी ने हमारे घर का एक कमरा हटा दिया और उस पर कब्जा कर लिया है।
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सिंधी कैंप गुरुद्वारे के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए। भागवत ने सतना जिले में रविवार को सिंधी समाज के आध्यात्मिक गुरु बाबा मेहरशाह के नवनिर्मित दरबार का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एक सभा को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि एक अंग्रेज ने टूटा हुआ दर्पण दिखाकर हमारे बीच फूट डाली थी जबकि हम सभी सनातनी हैं।
अब हमें गुरुओं के दिखाए आध्यात्मिक दर्पण से खुद को देखना चाहिए। संघ प्रमुख ने कहा कि कभी-कभी, जो लोग खुद को हिन्दू नहीं मानते, वे विदेश चले जाते हैं, फिर भी दुनिया उन्हें हिन्दू कहती है। यह उन्हें हैरान करता है, क्योंकि वे पूरी कोशिश करते हैं कि उन्हें हिन्दू न समझा जाए। लेकिन सच्चाई यह है कि वे हिंदू हैं। यहां के कई सिंधी लोग पाकिस्तान नहीं गए, जो अविभाजित भारत का हिस्सा था।
नई पीढ़ी को इस पर विचार करना चाहिए। वह हमारा दूसरा घर है, जहां हमारा सामान और जगह दूसरों ने ले ली थी, लेकिन एक दिन हम उसे वापस ले लेंगे क्योंकि वह हमारा हक है। भागवत ने अखंड भारत का संकल्प दोहराते हुए कहा कि हमें एक बात तय कर लेनी है कि भाषा-भूषा, भजन, भवन, भ्रमण और भोजन ये हमें हमारा चाहिए। हमारे महापुरुष आज भी हमारे आदर्श हैं। आज भी गुरुओं और गुरुपुत्रों के बलिदान को पूरे देश में माना जाता है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma