अयोध्या में रामलला के दर्शन कर बसपा ने फूंका चुनावी बिगुल

बसपा अपने दम पर लड़ेगी उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव : सतीश चंद्र मिश्रा

संदीप श्रीवास्तव
शुक्रवार, 23 जुलाई 2021 (19:07 IST)
अयोध्या। बहुजन समाज पार्टी ने आज विधानसभा चुनाव का शुभारंभ श्रीराम की धरती अयोध्या से शुरू कर दिया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने आज अयोध्या में ब्राह्मण सम्मेलन के आयोजन में हिस्सा लेकर शुभारंभ किया। हालांकि ब्राह्मण सम्मेलन के नाम से जारी इस कार्यक्रम का अंतिम समय में नाम बदलते हुए विचार गोष्ठी का नाम जरूर दे दिया गया।

इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में बसपा के राष्ट्रीय महासचिव ने कार्यक्रम में जाने से पूर्व अपने परिवार सहित श्री रामलला व हनुमान गढ़ी का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। उनके साथ पूर्व मंत्री नकुल दुबे, पूर्व विधायक पवन पाण्डेय व कार्यक्रम संयोजक करुड़ाकर पाण्डेय आदि भी मौजूद रहे। इस मौके पर सतीश चंद्र मिश्रा ने बात करते हुए कहा कि धर्म पर कोई राजनीति नहीं करते, जो लोग धर्म की राजनीति करते हैं, उनकी सोच होती है कि हम किस तरह का कार्यक्रम करें, हम ब्राह्मण समाज से हैं श्रीराम व सभी भगवान में आस्था रखते हैं और हमने अपने कार्यक्रम का शुभारंभ श्री रामलला व हनुमान जी का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लेकर शुरू किया है, इसमें कोई राजनीति नहीं है।

भाजपा अगर यह सोचती है कि श्रीराम केवल उनके हैं तो यह उनकी संकीर्ण मानसिकता है। भगवान श्रीराम सबके हैं, हमें अफसोस होता है कि भगवान श्रीराम को भी राजनीति में लाते हैं, उन्होंने आज साफ कर दिया कि उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी, किसी भी राजनीतिक दल से किसी प्रकार का कोई गठबंधन नहीं करेगी।

मिश्रा ने कहा कि हां वह गठबंधन करेगी, प्रदेश की जनता से, सर्व समाज से जिससे हमने पहले भी 2007 में किया था, हमने भाईचारा बनाया था, सर्व समाज के साथ हमें ब्राह्मण समाज ने योगदान दिया था और उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी। आज उत्तर प्रदेश में जिस तरह से ब्राह्मण समाज उपेक्षित व प्रताड़ित किया जा रहा है, इससे वह परेशान होकर अबकी बार मन बना चुका है, जिसने पहले भी हमें आजमाया, सपा को भी देखा और भाजपा को भी देख रहा है, इस बार वह हमारे साथ है और जब ब्राह्मण समाज आता है तो सर्व समाज के लोग भी आते हैं।

बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने विचार संगोष्ठी में जाने से पूर्व रामलला के दर्शन के उपरांत हनुमान गढ़ी भी जाकर हनुमान जी का दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया, उनके यहां दर्शन करने के उपरांत अयोध्या के हनुमानगढ़ी में अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत ज्ञानदास के उत्तराधिकारी संजय दास ने उनका स्वागत किया व कहा कि हनुमानगढ़ी सभी भक्तों की है। जो भी यहां आएगा, हम सभी का स्वागत करते हैं। हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है। सतीश चंद्र मिश्रा नियमित पूजा-पाठ करने वाले लोगों में से हैं और बड़ी संख्या में लोगों का नेतृत्व करते हैं। इसलिए हम उनका स्वागत करते हैं।
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अयोध्या में आज से होने वाले विशाल ब्राह्मण सम्मेलन में बड़ा उलटफेर हुआ है। विशाल ब्राह्मण सम्मेलन की जगह अब बसपा की विचार संगोष्ठी होगी। हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता द्वारा जिला प्रशासन से की गई शिकायत और न्यायालय की एडवाइजरी के बाद बसपा ने कार्यक्रम की रूपरेखा बदल दी है। आज ये कार्यक्रम अयोध्या के ताराजी रिसॉर्ट में होगा। प्रशासन ने कहा कि इसमें केवल 50 लोगों के शामिल होने की अनुमति है।

ब्राह्मण सम्मेलन की बजाय ब्राह्मण संगोष्ठी होगी : साल 2013 में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने जातीय सम्मेलनों पर रोक लगाई थी। हाईकोर्ट की ओर से दिए गए आदेश के संज्ञान के बाद बसपा अब ब्राह्मण समाज के सम्मान, सुरक्षा और तरक्की को लेकर विचार संगोष्ठी करने जा रही है। इसमें शामिल होने के लिए शुक्रवार दोपहर 12 बजे बसपा नेता सतीशचंद्र मिश्रा अयोध्या पहुंच रहे हैं। जिला प्रशासन ने संगोष्ठी में कोविड प्रोटोकॉल के तहत केवल 50 लोगों के शामिल होने की मंजूरी दी है।

1 बजे से 4 बजे तक चलेगा कार्यक्रम : विचार संगोष्ठी कार्यक्रम दोपहर 1 बजे से 4 बजे तक प्रस्तावित है। ब्राह्मण समाज के सम्मान, सुरक्षा और तरक्की के विषय पर संगोष्ठी को सतीश चंद्र मिश्रा ने संबोधित किया। जिला प्रशासन ने संगोष्ठी में कोविड प्रोटोकॉल के तहत केवल 50 लोगों के शामिल होने की मंजूरी दी है। दरअसल, संगोष्ठी से पहले सतीश चंद्र मिश्रा रामलला और हनुमानगढ़ी मंदिर में दर्शन-पूजन करेंगे। बसपा की यह ब्राह्मण संगोष्ठी अयोध्या से शुरू होकर प्रदेश के सभी 18 मंडलों पर होने जा रही है।
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सम्मेलन के लिए बसपा नेता करुणाकर पांडेय और पूर्व विधायक पवन पांडेय ने प्रसिद्ध कथावाचक जगद्गुरु रामानुजाचार्य, स्वामी राघवाचार्य सहित कई संतों से मिलकर आशीर्वाद लिया। हालांकि जगद्गुरु रामानुजाचार्य और डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि बसपा के सम्मेलन से उनका कोई नाता नहीं है। उन्होंने कहा कि वो साधु हैं, उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है।

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