Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia
Advertiesment

j&K : सुरक्षाबलों ने लिया 5 जवानों की शहादत का बदला, 24 घंटे में 6 आतंकियों को किया ढेर

हमें फॉलो करें j&K : सुरक्षाबलों ने लिया 5 जवानों की शहादत का बदला, 24 घंटे में 6 आतंकियों को किया ढेर
webdunia

सुरेश एस डुग्गर

, मंगलवार, 12 अक्टूबर 2021 (10:33 IST)
जम्मू। अब सुरक्षाबलों ने आतंकियों पर ताबड़तोड़ हमले आरंभ किए हैं। नतीजतन 24 घंटों के भीतर सुरक्षाबलों ने समाचार लिखे जाने तक कुल 6 आतंकियों को मार गिराया था। इनमें से 3 को आज मंगलवार को शोपियां में मारा गया है। आज मंगलवार को मारे गए आतंकियों में एक बिहार के प्रवासी नागरिक का भी हत्यारा शामिल था जबकि अन्य अल्पसंख्यक नागरिकों की मौत के लिए जिम्मेदार आतंकियों की पहचान कर उन्हें ढेर करने का अभियान छेड़ा गया है।
 
अधिकारियों ने बताया कि शोपियां में देर रात से जारी मुठभेड़ में आखिरकार सुरक्षाबलों ने तीनों आतंकियों को मार गिराया। आतंकियों को मारने से पहले सुरक्षाबलों ने उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए कई बार कहा, परंतु जब उन्होंने हर बार उनकी अपील का जवाब गोलीबारी से दिया तो आज मंगलवार तड़के सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई में एक के बाद एक तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया। मारे गए तीनों आतंकियों में से फिलहाल एक आतंकी की पहचान मुख्तार शाह निवासी गांदरबल के तौर पर हुई है।
 
 
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि इन 3 आतंकियों में शामिल मुख्तयार शाह वही है जिसने गत दिनों श्रीनगर में रेहड़ी लगाने वाले बिहारी निवासी वीरेंद्र पासवान की हत्या की थी। हत्या करने के बाद वह फरार हो गया था और यहां शोपियां में छिप गया था। पुलिस ने उनकी पहचान कर ली थी और उसकी तलाश की जा रही थी। 
पुलिस ने शोपियां मुठभेड़ में 3 आतंकियों के मारे जाने की पुष्टि करते हुए बताया कि ये लश्कर-ए-तैयबा के द रजिस्टेंस फ्रंट से संबंधित थे। यही नहीं, इनमें शामिल मुख्तार शाह ने ही गत दिनों श्रीनगर में रेहड़ी करने वाले बिहार निवासी पासवान की हत्या की थी। हत्या करने के बाद वह शोपियां में जा छिपा था।

webdunia
 
कश्मीर जोन पुलिस ने कहा कि 2 आतंकियों की अभी शिनाख्त होना बाकी है। मुठभेड़ स्थल से काफी मात्रा में हथियार-गोला बारूद व आपत्तिजनक सामग्री भी बरामद हुई है। दरअसल पुलिस की अपील का जवाब गोली से दिया तो जवाबी कार्रवाई में एक के बाद एक तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया गया। आतंकियों के मारे जाने के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। जब यह पुष्टि हो गई कि वहां और कोई आतंकी मौजूद नहीं है तो ऑपरेशन समाप्त कर दिया गया।


खूनी इतिहास रहा है जम्मू संभाग में: एलओसी से सटे पुंछ और राजौरी के जुड़वा जिलों की सीमा पर कल सोमवार को हुई मुठभेड़ में 5 सैनिकों की शहादत जम्मू संभाग में कोई पहली नहीं है बल्कि आतंकवाद की शुरुआत के साथ ही जम्मू संभाग भी कभी भी आतंकी हमलों और सैनिकों की शहादत से अछूता नहीं रहा है। 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक सेना के जवानों को बड़े पैमाने पर सबसे पहले जम्मू संभाग में 14 मई 2002 को निशाना बनाया गया था, जब आतंकियों ने कालूचक गैरिसन में सेना के फैमिली र्क्वाटरों में घुसकर कत्लेआम मचाते हुए 36 से अधिक जवानों और उनके परिवारों के सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद तो जम्मू संभाग कई ऐसे आतंकी हमलों का गवाह बनने लगा जिसमें बड़ी संख्या में जवान और अफसर शहीद होने लगे थे।

webdunia
 
पहली घटना के करीब 13 महीनों के उपरांत ही आतंकियों ने 28 जून 2003 को जम्मू के सुंजवां में स्थित सेना की ब्रिगेड पर हमला बोला तो 15 जवान शहीद हो गए। इतना जरूर था कि आतंकियों ने इस हमले के 15 सालों के बाद फिर से सुंजवां पर 10 फरवरी 2018 को हमला बोल 10 जवानों को मार डाला था। हमले और शहादतें यहीं नहीं रुकी थीं। वर्ष 2003 में ही 22 जुलाई को जम्मू के अखनूर में आतंकियों ने एक और सैनिक ठिकाने पर हमला बोला तो ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी समेत 8 सैनिकों को शहादत देनी पड़ी। यह सिलसिला बढ़ता गया और आतंकी हमले करते रहे और जवान शहीद होते गए।
 
इतना जरूर था कि अखनूर में वर्ष 2003 में हुए हमले के उपरांत करीब 10 सालों तक जम्मू संभाग में सुरक्षाबलों पर कोई बड़ा हमला नहीं हुआ था। एक बार आतंकियों ने पाक सेना के जवानों के साथ मिलकर 6 अगस्त 2013 को पुंछ के चक्का दा बाग में बैट हमला किया तो 5 जवानों को जान गंवानी पड़ी जबकि इसी साल इस हमले के 1 महीने के बाद ही 6 सितंबर 2013 को आतंकियों ने सांबा व कठुआ के जिलों में हमले कर 4 सैनिकों व 4 पुलिसकर्मियों को जान से मार डाला। इनमें एक ले. कर्नल रैंक का अधिकारी भी शामिल था।
 
इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे अरनिया में भी 27 नवंबर 2014 को आतंकी हमले में 3 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी तो वर्ष 2016 को 29 नवंबर के दिन आतंकियों ने नगरोटा स्थित कोर हेडर्क्वाटर पर हमला बोल कर 2 अफसरों समेत 7 जवानों को शहीद कर दिया था। ऐसा भी नहीं है कि आतंकियों के हमलों में सिर्फ सैनिकों, जवानों व नागरिकों को ही जानें गंवानी पड़ी थीं बल्कि प्रत्येक हमले में आतंकी मारे गए थे और इन हमलों में 100 से अधिक आतंकी मारे गए गए थे, वह भी सिर्फ जम्मू संभाग में।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

LPG के दामों में करीब दोगुनी बढ़ोतरी, 2657 रुपए का 1 सिलेंडर, 1 किलो दूध अब महंगा होकर 1,195 रुपए