मेरठ में 2 पुलिसकर्मियों का मानवता को ठेस पहुंचाने वाला कृत्य सामने आया है। मामला शास्त्री नगर की एल ब्लॉक चौकी क्षेत्र से शुरू होता है, जहां बृहस्पतिवार रात एक अज्ञात युवक का शव मिला, पुलिस ने जिम्मेदारी निभाने के बजाय इसे दूसरे थाना क्षेत्र में पहुंचा दिया, लेकिन दो पुलिसकर्मियों की यह कारगुजारी तीसरी आंख यानी सीसीटीवी से बच न सकी। यह घटना बताती है कि कुछ लोगों के लिए संवेदनशीलता अब ड्यूटी मैन्युअल का हिस्सा ही नहीं रह गई।
सीसीटीवी में दो पुलिसकर्मी अपनी मोटरसाइकल से लोहिया नगर क्षेत्र में पहुंचते हैं, उनके पीछे ई रिक्शा में शव लाया जाता है जो एक दुकान के बाहर रख दिया गया। सीसीटीवी में कैद यह दृश्य किसी अपराध फिल्म का हिस्सा नहीं था, बल्कि उसी व्यवस्था की तस्वीर थी जिस पर जनता भरोसा करती है।
दुकान के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे ने कर्तव्य से पुलिस की मानसिकता को बेनकाब कर दिया। शुक्रवार को यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो हड़कंप मच गया। मेरठ एसएसपी विपिन ताडा ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एल ब्लॉक चौकी प्रभारी जितेंद्र कुमार, फैंटम पर तैनात कांस्टेबल राजेश और होमगार्ड हेड कांस्टेबल रोहताश को निलंबित कर दिया।
वहीं होमगार्ड कमांडेंट को रोहताश के बारे में सूचना देते हुए विभागीय कार्रवाई के लिए कहा है। वहीं पुलिस अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पूरे प्रकरण की जांच एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह को सौंप दी है।
यह घटना सिर्फ एक चूक नहीं, बल्कि हमारी व्यवस्था की उस सोच पर बड़ा सवाल खड़ा करती है, जहां जिम्मेदारी से बचने के लिए इंसानियत को भी दरकिनार कर दिया जाता है। जिस पुलिस पर जांच, सुरक्षा और सम्मानजनक प्रक्रिया का दायित्व होता है, वही अगर खुद जिम्मेदारी से बचने लगे तो आम नागरिक किससे उम्मीद रखें?