मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाली शिवसेना ने मंगलवार को विभिन्न अखबारों में पूरे पन्ने का विज्ञापन जारी किया जिसका शीर्षक था कि राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे सरकार। एक सर्वेक्षण का हवाला देते हुए यह इश्तहार प्रकाशित किया गया है जिसमें शिंदे को मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) की तुलना में अधिक लोगों की पसंद वाला नेता दर्शाया गया है। विज्ञापन सामने आने के बाद राजनीतिक गलियारों में ये चर्चाएं चल पड़ी हैं कि क्या कि इससे सीएम शिंदे और फडणवीस में दरार बढ़ सकती है, जिसका असर पार्टियों पर भी पड़ सकता है। विपक्षी पार्टियों ने भी इसे भाजपा और मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
विज्ञापन में ऊपर शिवसेना का चुनाव चिह्न तीर-कमान है। इसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे की तस्वीर हैं। गौर करने वाली बात यह है कि इस विज्ञापन में शिवसेना संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की कोई तस्वीर नहीं है जबकि पहले शिवसेना के हर इश्तहार में ठाकरे का चित्र प्रमुखता से होता था।
क्या कहा विज्ञापन में : विज्ञापन में कहा गया है कि मुख्यमंत्री पद के लिए हुए एक सर्वे के अनुसार महाराष्ट्र के 26.1 प्रतिशत लोग एकनाथ शिंदे को और 23.2 प्रतिशत लोग देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते हैं। इसमें लिखा है कि यानी कि महाराष्ट्र के 49.3 प्रतिशत लोग फिर से इस जोड़ी को पसंद करने पर अपनी मुहर लगाते हैं।
किसके हवाले से आंकड़े : विज्ञापन में प्रस्तुत आंकड़े और दावे जी टीवी-मेट्राइज सर्वेक्षण के हवाले से दिए गए हैं। इसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जोड़ी के महाराष्ट्र में किए गए जनकल्याण के प्रकल्पों ने उन्हें वर्तमान में एक सर्वेक्षण में सर्वोच्च स्थान दिलाया है।
विज्ञापन के मुताबिक कि मतदान के सर्वे के अनुसार भारतीय जनता पार्टी को 30.2 प्रतिशत लोग और शिवसेना (एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में) को 16.2 प्रतिशत लोग पसंद करते हैं। यानी कि महाराष्ट्र के 46.4 प्रतिशत लोग भाजपा और शिवसेना की जोड़ी को ही फिर से सत्ता में चाहते हैं।
विज्ञापन पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि पहले यह बालासाहेब की शिवसेना होती थी, लेकिन विज्ञापन ने स्थिति साफ कर दी है। अब यह मोदी-शाह की शिवसेना बन गई है। विज्ञापन में बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर कहां है?
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने विज्ञापन को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए कहा कि हमेशा चुनाव परिणाम तय करते हैं कि मतदाताओं को कौन सी पार्टी या नेता पसंद है। पहले शिंदे कैबिनेट मंत्री के रूप में लोकप्रिय थे और अब मुख्यमंत्री के रूप में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी है। राज्य की जनता को फडणवीस, शिंदे और मोदी से बहुत अपेक्षाएं हैं।
उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की जनता ने राज्य स्तरीय नेता के तौर पर 2 बार फडणवीस को तरजीह दी है। उन्होंने कहा कि शिवसेना और भाजपा में ऐसी कोई तुलना नहीं है कि कौन बड़ी पार्टी है और कौन छोटी।
कांग्रेस ने बताया झूठा सर्वे : कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने इसे झूठा सर्वेक्षण करार दिया और कहा कि शिंदे ने अपने प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव हो जाएं तो महा विकास आघाड़ी निश्चित रूप से महाराष्ट्र में 42 से अधिक लोकसभा सीटें और 200 से अधिक विधानसभा सीटें जीतेगी। उनके (शिंदे के) बारे में एक नई कहानी लिखी जाएगी कि एक समय कोई शिंदे होते थे....।
शिंदे नीत शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगावाले ने कहा कि हम अपने पक्ष में सर्वे कराने के लिए किसी के साथ समझौता नहीं करते। वह (शिंदे) जनता की पहुंच में हैं और राज्य के सभी क्षेत्रों का दौरा करते हैं। हमने किसी मीडिया संस्थान को हमारे लिए सर्वे करने को नहीं कहा।
क्या बोले शिंदे : सीएम एकनाथ शिंदे की इस विज्ञापन पर प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने कहा कि ये सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में चल रही है। उन्होंने कहा कि देश में ही नहीं दुनिया में प्रधानमंत्री मोदी को पसंद किया गया है।
आज देखा जाए तो कई बड़े देशों की अर्थव्यवस्था भी चरमरा गई है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था को दसवें नंबर से पांचवे नंबर पर लाने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है. इसलिए वो पूरी दुनिया में नंबर वन हैं. राज्य भी आगे बढ़ रहा है। डबल इंजन की सरकार के कारण हमारे राज्य को भी बहुत फायदा हो रहा है। मैं प्रधानमंत्री मोदी का तहे दिल से अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में शिवसेना और बीजेपी मजबूती से लड़ेगी। Edited By : Sudhir Sharma