मुंबई। शिवसेना ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के 'रिमोट कंट्रोल' संबंधी बयानों पर उन्हें सोमवार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को राज्य में आईएसआईएस से पैदा खतरे से निपटने के लिए पहले अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति की 'बैटरी चार्ज करने' पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
फड़णवीस ने यहां बाल ठाकरे की जयंती पर उनकी याद में हाल में आयोजित एक समारोह में कहा था कि शिवसेना के दिवंगत सुप्रीमो ने भले ही सत्ता का रिमोट कंट्रोल उद्धव ठाकरे को दिया हो लेकिन वे (उद्धव ठाकरे) यह रिमोट कंट्रोल उन्हें सौंप चुके हैं।
फड़णवीस ने अपने बयान में शिवसेना के उन कुछ मंत्रियों पर स्पष्ट निशाना साधा था, जो उनकी कार्यप्रणाली के आलोचक रहे हैं। उन्होंने कहा था कि अब (शिवसेना अध्यक्ष) उद्धव ठाकरे ने (सत्ता का) रिमोट कंट्रोल मुझे सौंप दिया है, तो (शिवसेना के) अन्य मंत्रियों को भी इसे समझना चाहिए।
शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में सोमवार को कहा कि फड़णवीस ने घोषणा की है कि सरकार का रिमोट कंट्रोल उनके हाथों में है कि लेकिन आईएसआईएस राज्य के चारों ओर फैला हुआ है। उसने कहा कि बैटरियों के बिना रिमोट कंट्रोल बेकार होता है।
शिवसेना ने कहा कि पूरे देश में आईएसआईएस ने अपना जाल तैयार किया है, लेकिन यदि इसका रिमोट कंट्रोल महाराष्ट्र में है तो मुख्यमंत्री को इसे गंभीरता से लेना चाहिए। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि सरकार का रिमोट कंट्रोल उनके हाथों में है लेकिन राज्य के चारों ओर आईएसआईएस फैला हुआ है।
उसने कहा कि आईएसआईएस भारत को सीरिया बनाने के अपने बुरे इरादों को पूरा करने के लिए महाराष्ट्र का इस्तेमाल कर सकता है और इस आतंकवादी संगठन को रोकने की जिम्मेदारी उन लोगों की है जिनमें पास सत्ता का रिमोट कंट्रोल है।
शिवसेना ने कहा कि लेकिन यदि इस रिमोट कंट्रोल की बैटरी किसी और के पास होगी तो आप क्या करेंगे? पहले इस समस्या से निपटने के लिए अपनी राजनीतिक इच्छाशक्ति की बैटरी चार्ज करने पर ध्यान केंद्रित करें। कई मुद्दों पर राजनीति खेली जा सकती है लेकिन राज्य की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। (भाषा)