मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में सिलक्यारा टनल हुई ब्रेकथ्रू

लगभग 853 करोड़ लागत की इस परियोजना से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी होगी कम।

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
बुधवार, 16 अप्रैल 2025 (16:44 IST)
2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गए थे।
 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सफल हुआ था सबसे जटिल और चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू अभियान। 
 
बाबा बौखनाग मंदिर में हुई प्राण-प्रतिष्ठा, रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था
 
Silkyara tunnel became a breakthrough : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने बुधवार को सिलक्यारा सुरंग (Silkyara tunnel) के ब्रेकथ्रू कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। गौरतलब है कि वर्ष 2023 में सिलक्यारा सुरंग निर्माण के दौरान 41 श्रमिक 17 दिनों तक भीतर फंस गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के अंतर्गत सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया था।
 
सिलक्यारा सुरंग चारधाम यात्रा की दृष्टि से महत्वपूर्ण परियोजना है। लगभग 853 करोड़ लागत की डबल लेन की इस सुरंग परियोजना की लंबाई 4.531 किलोमीटर है। सुरंग निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किलोमीटर तक कम हो जाएगी जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा और समय की बचत होगी। इस परियोजना के पूर्ण होने से क्षेत्र में व्यापार, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं में वृद्धि होगी जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
 
मुख्यमंत्री ने सिलक्यारा टनल ब्रेकथ्रू के अवसर पर परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीकी विशेषज्ञों, श्रमिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक अवसर न केवल उन्नत इंजीनियरिंग की सफलता का प्रतीक है, बल्कि आस्था और समर्पण की शक्ति का जीवंत उदाहरण भी है। उन्होंने कहा कि सिलक्यारा टनल अभियान दुनिया का सबसे जटिल और लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन था। इससे जुड़े प्रत्येक व्यक्ति ने मानवता और टीम वर्क की एक अद्भुत मिसाल कायम की। यह घटना तकनीकी और मानवीय संकल्प की वास्तविक परीक्षा थी, सभी ने एकजुट होकर इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने समस्त रेस्क्यू टीम, रैट माइनर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सहयोगी संस्थाओं का भी इस अभियान को सफल बनाने में आभार व्यक्त किया।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिलक्यारा अभियान पर पूरी दुनिया की नजरें थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भारत सरकार के पूर्ण सहयोग के चलते राज्य सरकार ने इस चुनौतीपूर्ण अभियान को सफलता पूर्वक संचालित किया। इस रेस्क्यू अभियान में देश और दुनिया में उपलब्ध आधुनिक संसाधनों और विशेषज्ञों का भी सहयोग लिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुरंग में फंसे मजदूरों ने जिस धैर्य का परिचय दिया, इससे हमारा हौसला बढ़ा।
 
बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए घर से भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे मुख्यमंत्री
 
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी प्रतिभाग किया। बौखनाथ मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के लिए देहरादून स्थित अपने घर से मुख्यमंत्री भेंट और पूजा सामग्री लेकर सिलक्यारा पहुंचे। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों के सकुशल रेस्क्यू के लिए मुख्यमंत्री ने स्वयं सिल्क्यारा अभियान के दौरान कैम्प कर रेस्क्यू अभियान की निरंतर निगरानी और निर्देशन किया था। रेस्क्यू अभियान की सफलता के लिए मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगते हुए मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था।
 
मुख्यमंत्री ने बाबा बौखनाग से प्रदेश की खुशहाली और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि जब सुरंग के मुख पर बाबा बौखनाग को विराजमान किया, तभी फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकाला जा सका। उस समय उन्होंने बाबा बौखनाग का भव्य मंदिर बनाने की घोषणा की थी। आज मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा होने से संकल्प भी पूरा हुआ है और श्रद्धालु भी बाबा बौखनाग का आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि टनल निर्माण के दौरान 12 नवंबर को अचानक हुए भूस्खलन में 41 श्रमिक इस सुरंग में फँस गए थे। उस समय देशभर से लोग इन श्रमिकों की कुशलता के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर रहे थे। उस अँधेरी सुरंग में, जहाँ उम्मीद की किरणें भी धूमिल हो रही थी, बाबा बौखनाग ने पहाड़ों के रक्षक के रूप में शक्ति और विश्वास का संचार किया।
 
मुख्यमंत्री की घोषणाएं:
 
1. सिलक्यारा टनल का नाम बाबा बौखनाग के नाम पर किए जाने की कार्यवाही की जाएगी।
 
2. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गेंवला-ब्रह्मखाल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाया जाएगा।
 
3. बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
 
4. स्यालना के निकट हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा।
 
इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टमटा, विधायक सुरेश चौहान, दुर्गेश्वर लाल, संजय डोभाल, प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय राजमार्ग डॉ. कृष्ण कुमार जिलाधिकारी उत्तरकाशी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट, एसपी श्रीमती सरिता डोभाल, जनप्रतिनिधिगण और अधिकारीगण उपस्थित थे।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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