कानपुर हिंसा पर इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (IMC) अध्यक्ष मौलाना तौकीर रज़ा ने कहा कि प्रदेश में यदि बुलडोजर जज है तो फिर अदालतों को खत्म कर देना चाहिए। यदि कोई जुर्म करता है तो उसके खिलाफ FIR होनी चाहिए, गिरफ्तार करके जज के सामने पेश किया जाए, देश का संविधान यही कहता है। लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए कि किसी ने शिकायत की और बिना जांच करें उसके घर पर बुलडोजर चला दिया, हम इसका विरोध करते हैं।
कानपुर में जो कुछ हुआ वो एकदम बेइमानी है। आज पूरे देश में मुसलमानों के अंदर खौफ पैदा करने के लिए मुसलमानों पर जुर्म हो रहा है। जिसके चलते हम कानपुर जाएंगे। तौकीर रज़ा ने कहा कि ताली एक हाथ से नहीं बजती है, इसलिए जुर्म हिन्दू-मुस्लिम दोनों तरफ से हुआ है, ऊंची छतों से मुसलमानों पर भी पथराव हुआ है, पुलिस भी साथ में थी, इसके वीडियो मेरे पास भी हैं। लेकिन यह सही नहीं है कि एक पक्ष पर कार्रवाई दूसरे पर नहीं, यह न्यायसंगत तरीका नहीं है। कोई यह न भूले जब मुसलमान ख़ौफ़ में होता है तो और ज्यादा ताकतवर होता है।
तौकीर रज़ा बोले, अलकायदा वाले लोग कौन हैं, मैं नहीं जानता हूं, सुना है कुछ जजों को भी धमकी मिली है, अब नूपुर शर्मा को भी धमकी मिली है। आरएसएस-भाजपा वाले बड़े खिलाड़ी हैं, ये खुद साजिश रचकर नूपुर की हत्या करवा सकते हैं। मैंने खुद नूपुर की सुरक्षा की मांग उठाई है, यदि नूपुर को कुछ हो जाता है तो आरोप मुस्लिम आतंकवादियों पर आ जाएगा। इसलिए नूपुर की सुरक्षा सबसे ज्यादा, इसलिए नूपुर सबसे ज्यादा जेल में सुरक्षित रहेंगी, नूपुर को जेल भेज दिया जाना चाहिए।
तौकीर रज़ा ने कहा कि वह आतंकवादी संगठनों से अपील करता है कि ये हमारा अंदरुनी मामला है। पीएम ने अभी तक अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है। उनका बोलना सरकार का बोलना माना जाएगा। वहीं भाजपा पार्टी ने अपने कुछ प्रवक्ताओं को डिबेट में बोलने के लिए मना किया है। लेकिन मैं सरकार से ये कहना चाहूंगा कि मीडिया डिबेट पर रोक लगानी होगी। मीडिया डिबेट में हिंदू-मुस्लिम डिबेट के कारण आज हमारे मुल्क का सिर पूरी दुनिया के आगे झुका रहा है।
IMC अध्यक्ष बोले हमारा मुल्क घर वालों की बात नहीं सुन रहा, वो गैरों की बात सुन रहा है। हमारे देश को पूरी दुनिया में बदनाम किया जा रहा है। कुछ लोगों की गलती की वजह से देश की बदनामी हो रही है। हमारा प्रदर्शन अपने गुस्से का इजहार करने और देशहित के लिए है।
बरेली में होने वाले 10 जून के प्रदर्शन को फिलहाल आगे बढ़ा दिया गया है। यह किसी भय के कारण नहीं किया जा रहा है, बल्कि देश में अमन-चैन और सद्भावना का वातावरण बना रहे। 10 जून को गंगा दशहरा है, हमारे प्रदर्शन में दो-ढाई लाख लोग आने की संभावना है, इसलिए हमने उस दिन प्रदर्शन करने से मना कर दिया है।
गंगा दशहरा होने के कारण गंगा मेला लगता है, बड़ी संख्या में लोग रामगंगा में स्नान करने जाते हैं। ऐसे में दोनों धर्मों के लोगों का सड़क पर होना सही नहीं है, शरारती तत्व मौका पाकर कानपुर मामला दोहराने का काम कर सकते हैं।