श्रीनगर में टूरिज्‍म पर छाई आतंकवाद की काली परछाई

सुरेश एस डुग्गर
श्रीनगर। राजधानी शहर श्रीनगर को आतंकवाद मुक्त कर लिए जाने के प्रति सुरक्षाबलों के दावे सोमवार को फुस्स हो गए। आतंकियों ने अति सुरक्षित समझे जाने वाले श्रीनगर शहर में पुलिसकर्मियों पर दो स्थानों पर तोबड़तोड़ हमले कर एक बार फिर दर्शाया है कि अभी भी आतंकी 'जहां चाहें मार कर सकते' हैं की पोजिशन में हैं। इतना जरूर था कि इन दो हमलों को चाहे सुरक्षाधिकारी आतंकियों की छटपटाहट का नतीजा करारा देते थे, पर टूरिज्म से जुड़े लोगों का कहना था कि अगर हमले न रूके तो कश्मीर में टूरिज्म पर आतंकवाद की काली परछाई एक बार फिर छा जाएगी।
आज मोटरसाइकल सवार आतंकियों द्वारा दो हमलों में तीन पुलिसकर्मियों की जान ले ली है। एक हमला पुलिस के गश्ती दल पर हुआ तो दूसरा पुलिस स्टेशन के बाहर। माना कि जिन इलाकों में हमले हुए वे टूरिस्टों की पहुंच से इसलिए बाहर कहे जाते हैं क्‍योंकि वहां टूरिस्टों के लिए देखने लायक कुछ खास नहीं है, पर सवाल यह है कि आखिर आतंकी आए कहां से थे।
 
इन हमलों ने टूरिस्टों के लिए खतरा पैदा कर दिया है इससे भी कोई इंकार नहीं करता है। टूरिज्म से जुड़े लोग मानते हैं कि दो हमलों की खबर मिलने के बाद आज कश्मीर आए हुए, खासकर श्रीनगर में घूमने निकले टूरिस्टों में अफरातफरी और दहशत का माहौल देखा गया। ऐसे में टूरिज्म से जुड़े लोगों को चिंता इस बात की है कि कहीं हमलों में तेजी न आए और अगर ऐसा हुआ तो इस बार के टूरिस्ट सीजन का बंटाढार तय है जो पहले ही कश्मीरी पंडितों तथा सैनिक कॉलोनी के लिए जमीन देने के मुद्दे पर हिचकोले खा रहा है।
 
ताजा हमलों के कारण न सिर्फ टूरिज्म से जुड़े लोगों में दशहत और चिंता का माहौल था, बल्कि आम नागरिक भी दहशतजदा हुए हैं। उन्हें डर अब इस बात का लगने लगा है कि आतंकियों की तलाश के नाम पर सुरक्षाबलों के सर्च ऑपरेशनों का शिकार उन्हें होना पड़ेगा क्योंकि आतंकियों की तलाश में जो सर्च ऑपरेशन आरंभ किए जा चुके थे उनमें हजारों सैनिकों को तैनात किया गया था, जबकि इन हमलों के साथ ही सुरक्षाधिकारियों के उन धावों की धज्जियां जरूर उड़ी हैं, जिनमें वे अक्सर कहा करते थे कि श्रीनगर शहर को पूरी तरह से आतंकवाद, आतंकी हमलों और आतंकियों से मुक्त करवाया जा चुका है। मजेदार बात उनके दावों की अक्सर यही रहा करती है कि जब-जब ऐसे दावे किए गए उसके कुछ ही दिनों के बाद उनकी धज्जियां आतंकी हमलों ने जरूर उड़ाई हैं।
 
हालांकि अब अधिकारी यह कह रहे हैं कि ताजा हमलों को अंजाम देने वाले आतंकी एलओसी पर होने वाली ताजा हुई घुसपैठ का नतीजा है, तो सेना इस मामले में खामोशी अख्तियार किए हुए है जो कल ही स्वीकार कर चुकी है कि इस साल घुसपैठ के मामलों में तेजी आई है।
 
और अगर ऐसे में सुरक्षाधिकारियों पर विश्वास करें तो सीमा पार से खतरा बढ़ा है। खासकर श्रीनगर के राजधानी शहर के लिए जहां होने वाले हमलों के कारण सारे विश्व में यही संदेश जाता रहा है कि कश्मीर में आतंकवाद अभी जिंदा है। ऐसे में अधिकारियों को आशंका है कि आने वाले दिन श्रीनगर के लिए खतरों से भरे होंगें क्योंकि आतंकी हमले बढ़ने की चेतावनी दी जाने लगी है।
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