नई दिल्ली। पुरुषों के वर्चस्व वाले वाहन चालन क्षेत्र में अपनी काबिलियत सिद्ध करते हुए पश्चिम बंगाल की एक युवती ने दिल्ली में ई-बाइक-टैक्सी की स्टेयरिंग संभालकर एक बार फिर जता दिया कि महिलाएं किसी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं।
अपने जज्बे और हौसले के दम पर सामान्य परिवार से ताल्लुक रखने वाली टुम्पा बरमन (21) बारहवीं की पढ़ाई पूरी कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग करना चाहती थीं। इसी इरादे के साथ उसने 'पिलॉन' संगठन में एक महिला चालक की नौकरी कर ली, जिसमें उसे सुबह आठ से शाम के छह बजे तक महिलाओं को ई-बाइक टैक्सी से लाना और पहुंचाना रहता है।
टुम्पा ने कहा कि उसे अपने पर पूरा भरोसा था तथा चालक की नौकरी पाने के बाद उसका आत्मविश्वास और मनोबल बहुत बढ़ा है। उसे गर्व महसूस होता है कि वह दिल्ली की पहली ई-बाइक-टैक्सी महिला चालक है। वह अपने यात्रियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखते हुए अपनी सेवा देती हैं।
पिलॉन संगठन सस्ती दर पर बैटरी से चलने वाली 60 ई-बाइक-टैक्सी चलाता है। संगठन फिलहाल करोलबाग और झंडेवालान क्षेत्र के पांच किलोमीटर के दायरे में अपनी सेवा प्रदान करता है। इससे छात्रों, कार्यालय जाने वालों और आम लोगों को सुविधा होती है।
पिलॉन के संस्थापक करन चड्डा ने कहा कि उनकी कम्पनी महिलाओं को बराबर मौका देना चाहती है। साथ ही महिला यात्रियों के सुरक्षा के मद्देनजर महिला चालक नियुक्त की गई हैं। इसी मकसद के तहत और महिला चालकों की नियुक्ति की जाएगी।
सरकार 2030 तक पूरे देश में पर्यावरण हितैषी परिवहन व्यवस्था संचालित करना चाहती है, जिसमें वह सहयोग देना चाहते हैं। (वार्ता)