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UKSSSC Paper Leak मामला, मुख्‍य आरोपित खालिद की संपत्ति पर चला बुलडोजर, सेक्टर मजिस्ट्रेट सहित 4 निलंबित

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वेबदुनिया न्यूज डेस्क

देहरादून , शुक्रवार, 26 सितम्बर 2025 (00:02 IST)
Uttarakhand : उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की परीक्षा के कथित पेपर लीक प्रकरण में अपना सख्त रूख जारी रखते हुए राज्य सरकार ने गुरुवार को मुख्य आरोपी खालिद मलिक के परिवार द्वारा सरकारी जमीन पर किए अतिक्रमण को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया।

हरिद्वार में परीक्षा के लिए नियुक्त सेक्टर मजिस्ट्रेट और एक सहायक प्रोफेसर तथा दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीबीआई जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है। एसटीएफ ने सुल्तानपुर निवासी आरोपित खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार कर लिया था।
 
आयोग द्वारा 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के एक प्रश्नपत्र के तीन पन्ने कथित तौर पर लीक होने के बीच राज्य सरकार ने हरिद्वार में परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए बतौर सेक्टर मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए के एन तिवारी को प्रथमदृष्टया कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया।
 
अधिकारियों ने बताया कि जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक के पद पर तैनात तिवारी के निलंबन का आदेश उत्तराखंड ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
 
इसके साथ ही, हरिद्वार जिले के बहादरपुर जट गांव में स्थित परीक्षा केंद्र आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज पर तैनात किए गए दारोगा रोहित कुमार और सिपाही ब्रह्मदत्त जोशी को भी लापरवाही के आरोप में निलंबित करते हुए हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने रुड़की के पुलिस क्षेत्राधिकारी नरेंद्र पंत को इस मामले की जांच सौंपी है।
 
मामले में कथित तौर पर प्रश्नपत्र के 'सॉल्वर' की भूमिका में रही टिहरी के एक महाविद्यालय में इतिहास की सहायक प्रोफेसर सुमन को भी निलंबित कर दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
 
इस प्रकरण में पुलिस, हरिद्वार के इसी परीक्षा केंद्र से अभ्यर्थी के रूप में शामिल हुए खालिद और उसकी बहन साबिया को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
 
पुलिस के अनुसार, खालिद ने परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर साबिया को भेजी थी जिसने सुमन को वे प्रश्न भेजकर उनके उत्तर हासिल किए। इसी दौरान सुमन को उन प्रश्नों पर शक हुआ जिसके बाद उसने उनके स्क्रीनशॉट लेकर एक अन्य व्यक्ति को भेजे जिसने पुलिस या किसी सक्षम अधिकारी के पास जाने के बजाय उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
 
उधर, लक्सर के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सौरभ असवाल और हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक (देहात) शेखर सुयाल की अगुवाई में राजस्व और पुलिस टीम ने खालिद और उसके परिवार द्वारा लक्सर के सुल्तानपुर कस्बे में लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर बनायी गयी दुकान को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। खालिद इसी गांव का रहने वाला है।
 
असवाल ने बताया कि अतिक्रमण के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है जिसके तहत सुल्तानपुर अली चौक तथा अन्य जगहों पर सरकारी जमीन पर अवैध निर्माणों को हटाया गया है। इससे पहले, खालिद के पिता के खिलाफ बिजली चोरी का मुकदमा भी दर्ज किया जा चुका है
 
उधर, मामले की जांच के लिए देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) गठित करने के बाद राज्य सरकार ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश बीएस वर्मा को एसआईटी जांच का पर्यवेक्षक नियुक्त किया।
 
इस संबंध में, सचिव गृह शैलेश बगोली द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति वर्मा एसआईटी जांच की बारीकी से निगरानी करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यों पर आधारित हो। आदेश के अनुसार, उन्हें आवश्यकतानुसार, प्रदेश के विभिन्न जिलों का दौरा कर शिकायतों व सूचनाओं का संज्ञान लेने तथा एसआईटी को मार्गदर्शन देने का अधिकार भी होगा।
 
प्रदेश के मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने बुधवार को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में एसआईटी गठन की घोषणा की थी और कहा था कि इसकी जांच के दायरे में पूरा प्रदेश होगा और यह एक माह में अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
 
इस बीच, प्रकरण के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ के बैनर तले बेरोजगारों का अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा जो ‘परीक्षा में अनियमितताओं’ की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराए जाने की मांग कर रहे हैं।
 
यहां परेड ग्राउंड के बाहर सड़क पर तंबू लगाकर बैठे बेरोजगार संघ ने आयोग के अध्यक्ष का तत्काल इस्तीफा लिए जाने, परीक्षा को निरस्त करने तथा आरक्षी भर्ती नियमावली को संशोधित किए जाने की भी राज्य सरकार से मांग की है।
 
संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेश सिंह ने कहा, ‘‘हम अपना धरना तब तक समाप्त नहीं करेंगे जब तक कि राज्य सरकार हमारी सभी मांगें नहीं मान लेती।’’
 
देहरादून के पुलिस अधीक्षक (नगर) प्रमोद कुमार ने कहा कि प्रदर्शनों के दौरान दिए जा रहे भाषणों की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस दौरान अगर कोई भड़काऊ भाषण देगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
 
प्रकरण के सामने आने के बाद से विपक्षी दल कांग्रेस भी लगातार राज्य सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि उनकी पार्टी प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग को लेकर शुक्रवार को सभी जिला मुख्यालयों पर राज्य सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन करेगी।
 
उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सीबीआई जांच के नाम पर भर्ती प्रक्रिया को बाधित करने का प्रयास किया जा रहा है जबकि सरकार का उद्देश्य पारदर्शिता और समयबद्धता के साथ भर्ती करना है।
 
यहां पंडित दीन दयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले चार सालों में पारदर्शिता के साथ भर्ती परीक्षाएं संपन्न हुईं और 25 हजार युवाओं को नौकरी मिली जबकि राज्य बनने के 21 सालों में केवल 16 हजार नियुक्तियां हुईं थीं।
 
हालांकि, उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को यह रास नहीं आ रहा है और वे संगठित रूप से पेपर लीक कराने का षड्यंत्र रच रहे हैं तथा एक शिकायत के आधार पर अराजकता का माहौल बना दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘बहुत सारे लोगों की मंशा है कि पेपर लीक, अराजकता के नाम पर या जांच के नाम पर इसको (भर्ती प्रक्रिया को) उलझा दिया जाए, भटका दिया जाए।’’
 
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली में तथा राज्य के बहुत से लोग जो सीबीआई के खिलाफ बोलते रहे हैं, वे ही आज इस मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।
 
धामी ने कहा कि सीबीआई जांच की एक प्रक्रिया होती है जो कई सालों तक चलती है और इस दौरान सारी भर्ती प्रक्रिया अटक जाती है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम भर्ती परीक्षाओं को बिल्कुल रूकने नहीं देंगे और जितने भी पद रिक्त हैं, उन्हें भरेंगे।’’
मुख्यमंत्री ने रविवार को सामने आए मामले को पेपर लीक की जगह 'नकल' का प्रकरण बताया और कहा कि अगर किसी को प्रश्नपत्र के कुछ प्रश्न मिल गए थे तो पुलिस या प्रशासन तक यह बात पहुंचाना उसकी जिम्मेदारी थी लेकिन एक एजेंडे के तहत कई घंटों तक इसे छुपाए रखा गया और बाद में सोशल मीडिया पर जारी कर परीक्षा प्रणाली को बदनाम करने का षड्यंत्र किया गया।
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धामी ने कहा कि सरकार ने परीक्षा में गड़बड़ी की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर इस मामले में निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में एक-एक नकल माफिया को गिरफ्तार करेगी और उसे सजा दिलाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी नीति और नीयत दोनों साफ है कि प्रदेश में हर छात्र की प्रतिभा, योग्यता और क्षमता के साथ हर कीमत पर न्याय होगा। एजेंसियां  Edited by : Sudhir Sharma

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