नैनीताल। उत्तराखंड में कांग्रेस के 9 अयोग्य घोषित किए गए बागी विधायकों के भाग्य को लेकर अनिश्चितता बरकरार है, क्योंकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर 9 मई तक अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। 10 मई को राज्य के बर्खास्त मुख्यमंत्री हरीश रावत विधानसभा में विश्वास मत हासिल करेंगे।
न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने दोनों पक्षों के बीच करीब 3 घंटे की दलीलों के खत्म होने के बाद कहा कि सुनवाई संपन्न हो गई है। मैं 9 मई को पूर्वाह्न 10.15 बजे निर्णय सुनाऊंगा।
उच्चतम न्यायालय ने सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश देते हुए कहा था कि अयोग्य घोषित किए गए विधायक उस सूरत में मतदान में भाग नहीं ले सकेंगे जबकि उनकी अयोग्यता बरकरार रहती है। शीर्ष न्यायालय ने कहा था कि यदि मतदान के समय उनकी (अयोग्य विधायकों) की वही स्थिति रही तो वे सदन में हिस्सेदारी नहीं कर पाएंगे।
न्यायालय ने यह भी कहा था कि हालांकि वर्तमान मामले में हमारी टिप्पणी से विधानसभा के अयोग्य घोषित सदस्यों के मामले के गुण-दोष के मामले में किसी तरह का पूर्वाग्रह नहीं होगा।
वर्तमान में 70 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 28 विधायक, कांग्रेस के 27, बसपा के 2, 3 निर्दलीय और 1 उत्तराखंड क्रांति दल का है। 10 बागी विधायकों में से 9 कांग्रेस के और 1 भाजपा का है। (भाषा)