श्रीनगर। कश्मीर वादी के पुलवामा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच गुरुवार को हुई मुठभेड़ के दौरान कथित तौर पर नागरिकों के मारे जाने के खिलाफ अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल से आज घाटी में जनजीवन प्रभावित हुआ।
अधिकारियों ने बताया कि घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों के अध्यक्षों सहित शीर्ष अलगाववादी नेताओं को ऐहतियात के तौर पर नजरबंद कर दिया था। हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के अध्यक्ष सईद अली शाह गिलानी जहां लगातार नजरबंदी में हैं, वहीं उदारपंथी धड़े के अध्यक्ष मीरवायज उमर फारूक को आज सुबह उनके घर में नजरबंद कर दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों धड़ों और जेकेएलएफ द्वारा संयुक्त रूप से आहूत हड़ताल के कारण दुकानें, व्यावसायिक प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान बंद रहे। उन्होंने बताया कि इस वजह से अधिकतर सार्वजनिक और निजी वाहन सड़कों पर नहीं उतरे। हालांकि कुछ मार्गों पर कुछेक वाहन दिखे।
पुलवामा जिले में अवंतीपोरा इलाके के पदंगपुरा में मुठभेड़स्थल के पास प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों के दौरान कथित तौर पर दो नागरिकों की मौत को लेकर अलगाववादियों ने आज की नमाज के बाद हड़ताल का आह्वान किया था।
जिले में मुठभेड़ में मारे गए दो आतंकियों और नागरिकों के जनाजे की नमाज के दौरान हजारों लोगों ने बर्फबारी के बावजूद हिस्सा भी लिया। कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए शहर के संवेदनशील क्षेत्रों तथा घाटी के अन्य बड़े नगरों में पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी।
इस बंद का आह्वान अलगाववादी नेताओं के कहने पर किया गया था। जिसके बाद सुरक्षा बलों ने अलगाववादी नेताओं जैसे सईद शाह गिलानी, मीरवायज उमर फारुख और मुख्तार अहमद रजा आदि को एहतियात के तौर पर हिरासत में ले लिया था जबकि इस स्थिति में किसी भी अप्रिय घटना या हिंसा को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए थे, जिसके बाद घाटी में कर्फ्यू से हालात हो गए थे।