असम-मिजोरम सीमा पर हिंसा, कई लोग गंभीर रूप से घायल, धारा 144 लागू

Webdunia
गुरुवार, 11 फ़रवरी 2021 (07:30 IST)
हैलाकांडी/आइजोल। असम-मिजोरम सीमा पर विवादित क्षेत्र में दोनों राज्यों के लोगों के बीच हुई झड़पों में कई लोग घायल हो गए। मिजोरम के कोलासिब जिले से सटे असम के हैलाकांडी जिले में स्थिति की गंभीरता को देख प्रशासनिक अधिकारियों ने क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी है।
ALSO READ: केंद्र सरकार ने Twitter से 257 अकाउंट डिएक्टीवेट करने को कहा
एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा और आगजनी की घटना मंगलवार रात रामनाथपुर थानांतर्गत कचूरथोल में हुई। हैलाकांडी और कोलासिब दोनों के अधिकारियों ने कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और स्थिति अब नियंत्रण में है। क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन तथा पुलिस के अधिकारी डेरा डाले हुए हैं।
 
स्थिति को और बिगड़ने से रोकने के लिए अतिरिक्त जिलाधिकारी आर के डाम ने धारा 144 के तहत तत्काल प्रभाव से निषेधाज्ञा लागू कर दी है। हैलाकांडी के उपायुक्त मेघ निधि दहल, पुलिस अधीक्षक पबिंद्र कुमार नाथ और डीआईजी (दक्षिणी रेंज) दिलीप कुमार डे ने घटनास्थल का दौरा किया।
 
मुख्यमंत्री से अपील : कोलासिब के उपायुक्त एच लालथलंगलियाना ने कहा कि मैं अपने हैलाकांडी समकक्ष के साथ लगातार संपर्क में हूं। बुधवार को कोई और घटना सामने नहीं आई। इस बीच क्षेत्र के विधायक सुजामुद्दीन लश्कर ने मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और पुलिस महानिदेशक भास्कर ज्योति महंत को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि ‘पड़ोसी राज्य से सशस्त्र हमले’ के चलते सीमा पर रह रहे लोगों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।
 
30 लोग गंभीर रूप से घायल : कातलीचेरा के विधायक ने दावा किया कि मंगलवार की रात पड़ोसी राज्य के शरारती तत्वों के हमले में लगभग 30 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं और लगभग 50 मकान आगजनी में नष्ट हो गए हैं। इससे पहले 3 फरवरी को मिजोरम की सीमा के नजदीक हैलाकांडी के मुलियाला में एक शक्तिशाली बम विस्फोट में एक स्कूल की इमारत नष्ट हो गई थी।
 
क्यों हो रही है हिंसा : पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में भी असम-मिजोरम सीमा पर तब कई दिन तक तनाव रहा था जब असम के कछार जिले और मिजोरम के कोलासिब जिले के लोगों के बीच संघर्ष में कई लोग घायल हो गए थे तथा कई कच्चे मकान जला दिए गए थे। मिजोरम और असम के बीच 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 1995 से कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Phangnon Konyak : कौन हैं फान्गॉन कोन्याक, जिन्होंने राहुल गांधी पर लगाए हैं गंभीर आरोप

आरबीआई की रिपोर्ट में राज्यों की मुफ्त योजनाओं को लेकर चेतावनी

भाजपा सांसदों का हेल्थ अपडेट, सारंगी सिर में टांके आए, राजपूत का BP हाई

Tata, Maruti, Hyundai की उड़ी नींद, किआ ने पेश की नई SUV, बेहतरीन फीचर्स के साथ मचाएगी धमाल

क्या रूस ने ढूंढ लिया है कैंसर का क्योर! जानिए वैक्सीन के दावे को लेकर क्या कहना है डॉक्टर का

सभी देखें

नवीनतम

भोपाल के मेंडोरा के जंगल में लावारिस कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ बरामद, आयकर विभाग ने 30 गाड़ियों के साथ मारा छापा

CM धामी का बड़ा फैसला, आम लोगों को भी उपलब्ध होगा उत्तराखंड निवास

LIVE: नहीं चली संसद, कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित

हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला का निधन, 89 की उम्र में ली अंतिम सांस

राहुल गांधी पर FIR को लेकर क्या बोलीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी?

अगला लेख