पुणे। पुणे में जल संकट के कारण एक बार फिर भाजपा और उसकी सहयोगी शिवसेना के बीच रिश्ते तल्ख हो गए हैं और इसीलिए शिवसेना ने जिले के पालक मंत्री गिरीश बापट के पास के दौंड और इंदापुर तालुकों के लिए खड़कवासला बांध से पानी छोड़े जाने के फैसले के विरोध में गुरुवार को हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियां पहले से ही बापट विरोधी अभियान चला रही हैं और अब शिवसेना भी उनके साथ जुड़ गई है। शिवसेना के शहर के अध्यक्ष विनायक निमहन ने बताया कि मंत्री के मनमाने फैसले के विरोध में विभिन्न सार्वजनिक जगहों से कार्यकर्ताओं द्वारा जुटाए गए नागरिकों के हस्ताक्षर वाले ज्ञापन पत्र को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भेजा जाएगा। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने बीती रात कस्बा पेठ इलाके स्थित मंत्री के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन भी किया था।
क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध गणेश मंदिर के सामने उन्होंने प्रार्थना का आयोजन कर उनसे बापट को बुद्धि प्रदान करने को कहा। बहरहाल, बापट ने पुणे निवासियों को यह आश्वासन दिया है कि पड़ोसी 2 शहरों के साथ जल बंटवारे के कारण अब उनकी मौजूदा जल आपूर्ति में कोई कटौती नहीं होगी।
इस मुद्दे पर अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों और विभिन्न नागरिक मंचों से विरोध के बावजूद बुधवार को राज्य सिंचाई विभाग ने खड़कवासला जलाशय से इंदापुर और दौंड तहसीलों के लिए 600 क्यूसेक पानी छोड़ा था। मौजूदा सूखे की समस्या से जूझ रही महाराष्ट्र की ये दोनों तहसीलें इस वक्त पानी की जबर्दस्त कमी से दो-चार हैं। (भाषा)