पंचायत उप चुनाव सुरक्षा कारणों से या फिर विपक्षी पार्टियों के दबाव में स्थगित हुए?

सुरेश एस डुग्गर
बुधवार, 19 फ़रवरी 2020 (16:24 IST)
जम्मू। कहने को तो जम्मू कश्मीर में पंचायतों के 12000 से अधिक पदों के लिए होने वाले उप चुनावों को सुरक्षा कारणों से स्थगित किया गया है पर सच्चाई यह है कि इसे विपक्षी दलों के दबाव के कारण फिलहाल टाल दिया गया है।

दरअसल प्रशासन इस उप चुनाव को पार्टी लाइन पर करवाने की घोषणा करके फंस गया था और भाजपा के अतिरिक्त कोई भी राजनीतिक दल बिना शर्त के इसमें शिरकत करने को राजी नहीं था। उन सभी की एक ही शर्त थी कि पहले उनके नेताओं को रिहा किया जाए और साथ ही उनके नेताओं की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध न लगाने का लिखित आश्वासन दिया जाए।
 
सूत्र दावा करते हैं कि पंचायत उपचुनाव स्थगित करने का फैसला विपक्षी पार्टियों के सरकार पर दवाब के कारण लिया गया है। पंचायत उपचुनाव की घोषणा के बाद से विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया था।
 
नेशनल कांफ्रेंस के नेता रतन लाल गुप्ता ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर कहा कि नेकां चुनाव के लिए तैयार है, लेकिन पहले उनके नेताओं की रिहाई की जाए। उन्होंने कहा था कि जब नेता ही नजरबंद है तो उम्मीदवार कैसे तय किए जा सकते हैं। वहीं कांग्रेस के प्रदेश प्रधान जीए मीर ने भी कहा था कि जब हमारे नेताओं पर पाबंदियां लगी हुई है, तो फिर चुनाव कैसे हो सकते हैं।
 
जम्मू कश्मीर में पंचायत उपचुनाव को लेकर मंगलवार सुबह हुई सर्वदलीय बैठक के बाद तेजी से बदले घटनाक्रम के बीच रात को चुनाव स्थगित कर दिया गया। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार की तरफ से पंचायत चुनाव को लेकर जारी की गई सारी अधिसूचनाओं को वापस ले लिया गया है।
 
पंचायत चुनाव के लिए पार्टियों का सहयोग मांगने के लिए जम्मू-कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी शैलेंद्र कुमार ने मंगलवार सुबह ही अपने कार्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी और भाजपा और पैंथर्स पार्टी के नेताओं ने भाग लिया था। बैठक में पीडीपी नेताओं ने कहा था कि उनके नेता ही नजरबंद है तो उनकी पार्टी चुनाव में कैसे भाग ले सकती है। यह कहते हुए उन्होंने बैठक का बहिष्कार कर दिया था। नेकां, कांग्रेस, पैंथर्स ने भी पहले नेताओं को रिहा करने और उन पर लगी पाबंदियां हटाने को कहा था। वहीं, मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा था कि वह सरकार के समक्ष मुद्दा रखेंगे।
 
जानकारी के लिए जम्मू कश्मीर के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 13 फरवरी को जम्मू में पत्रकार वार्ता कर केंद्र शासित जम्मू कश्मीर में रिक्त पड़े 1011 सरपंच और 11639 पंच हलकों के चुनाव दलीय आधार पर करवाने का एलान किया था। उसके साथ ही अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी कि मतदान आठ चरणों में करवाया जाएगा। पहले चरण का मतदान पांच मार्च और अंतिम चरण का मतदान 20 मार्च को होना तय किया था।
 
इस बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने जम्मू एवं कश्मीर में 12500 से अधिक खाली पंचायत सीटों के लिए उपचुनाव को स्थगित करने का स्वागत किया है। पीडीपी नेता फिरदौस टाक ने कहा कि पंचायत चुनाव कराने से राजनीतिक प्रक्रिया की बहाली नहीं हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस समय पंचायत चुनाव कराना एक निरर्थक कवायद है।
 
उन्होंने आरोप लगाया कि यह कवायद सत्तारूढ़ भाजपा को आसानी से जीतने देने के लिए थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक प्रक्रिया का कोई विकल्प नहीं है। लेकिन राजनीतिक प्रक्रिया तब तक संभव नहीं है, जब तक आप असंतोष को राजद्रोह मानना बंद नहीं कर देते।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भारत को चीन कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

Apple का सस्ता मोबाइल, iphone 15 से कम कीमत, मचा देगा तूफान, जानिए क्या होंगे फीचर्स

दिल्ली में आज क्‍यों आया भूकंप, वरिष्‍ठ वैज्ञानिक ने दिया यह जवाब

Vivo V50 price : दमदार AI फीचर्स, 50 MP कैमरा, वीवो का सस्ता स्मार्टफोन मचाने आया धमाल, जानिए फीचर्स

सभी देखें

नवीनतम

एनआरआई को मतदान करने का अधिकार दिया जाए : राजीव कुमार

Israel ने लेबनान में किया ड्रोन से हमला, हमास का सैन्य अभियान प्रमुख ढेर

Gold Rate : सस्ता हुआ सोना, कीमतों में 1200 से ज्यादा की गिरावट

भोपाल गैस त्रासदी : जहरीले कचरे को लेकर SC हुआ सख्‍त, केंद्र और MP सरकार को भेजा नोटिस, कचरा निपटान पर मांगा जवाब

भारत को चीन कोई खतरा नहीं, Sam Pitroda के बयान से Congress का किनारा, BJP ने बताया गलवान के शहीदों का अपमान

अगला लेख