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यति नरसिंहानंद का नया बवाल, 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद जाने का किया ऐलान

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हिमा अग्रवाल

, सोमवार, 13 जून 2022 (16:48 IST)
गाजियाबाद। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर और डासना क्षेत्र स्थित देवी मंदिर के मंहत यति नरसिंहानंद गिरि भाजपा से निष्कासित नूपुर शर्मा के समर्थन में आकर खड़े हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि नूपुर ने जो कुछ टीवी डिबेट में कहा था, वह मुस्लिम धार्मिक किताबों में लिखा है। यदि आपकी किताबों में गंदगी लिखी हुई है तो उसे साफ करो, न कि हमारी गर्दन काटो।
 
उन्होंने कहा कि इसलिए मैं मौलानाओं द्वारा लिखी किताबों के साथ जामा मस्जिद जाऊंगा और वहां के मुस्लिम धर्मगुरु और अन्य लोगों को यह दिखाऊंगा कि जब आपके लोगों द्वारा लिखी पुस्तकों में पैगंबर साहब के लिए ये सब बातें लिखी हैं तो नूपुर के बयान पर विवाद क्यों?

 
17 जून को जामा मस्जिद दिल्ली में जाने की घोषणा के बाद गाजियाबाद पुलिस-प्रशासन सतर्क हो गया है जिसके चलते नरसिंहा नंद को नोटिस भेजा गया है। नोटिस का जवाब महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरि महाराज ने दे दिया है।
 
उन्होंने कहा कि मैं जेल जाने और मरने के लिए भी तैयार हूं लेकिन मैं अपनी बात पर अटल हूं। महामंडलेश्वर ने कहा कि सरकार द्वारा भेजे गए नोटिस में लिखा है कि मेरे जामा मस्जिद जाने से शांति-व्यवस्था भंग हो सकती है, दो वर्गों में वैमनस्य हो सकता है।
 
सोमवार को गाजियाबाद एसडीएम नरसिंहा नंद से मिले तो उन्होंने एसडीएम को शपथ पत्र दिया कि वे धार्मिक पुस्तकों को लेकर जामा मस्जिद दिल्ली जरूर जाएंगे, क्योंकि यह पुस्तक किसी हिन्दू ने नहीं लिखी है, बल्कि मुस्लिम धार्मिक पुस्तकें हैं। नूपुर शर्मा की आड़ बनाकर देश का माहौल खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। नरसिंहा ने सबूत के तौर पर 10 पुस्तकें एसडीएम गाजियाबाद को सौंपी हैं।

 
इससे पहले भी नरसिंहानंद अपनी बात मीडिया के सामने रख चुके हैं जिसमें उन्होंने कहा कि मुझे आज तक अनेक बार धमकियां मिलीं, क्या उससे वैमनस्यता नहीं फैली? पहले कमलेश तिवारी को मार दिया गया। अब भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को धमकियां दी जा रही हैं। क्या मुस्लिमों की धमकी से वैमनस्यता नहीं बढ़ती?
 
यति नरसिंहानंद गिरि ने कहा कि नूपुर ने जो कहा वह इन इस्लामिक किताबों में लिखा हुआ है और वे किताबें हमने नहीं लिखी हैं। यूट्यूब पर भी इन सब बातों का जिक्र है। यदि नूपुर ने यह सब डिबेट में बोल दिया तो आफत आ गई। पार्टी ने भी उन्हें निष्कासित कर दिया, यह गलत है। इसलिए मैं यह ऐलान करते हुए कह रहा हूं कि वह अकेले मोबाइल, किताबें, कम्प्यूटर और कुछ क्लिप लेकर 17 जून शुक्रवार को जामा मस्जिद जाएंगे और वहां मौजूद लोगों को दिखाएंगे।
 
नरसिंहानंद गिरि ने सरकार से दोटूक शब्दों में कहा कि मेरा मेरा जो यह लोकतांत्रिक अधिकार है, उसे आप छीन नहीं सकते हैं। मैं 1 महीना 2 दिन हरिद्वार जेल में रह चुका हूं, अब फिर से जेल जाने और मरने के लिए भी तैयार हूं। उन्होंने कहा कि यह सरकार हिन्दू समाज पर अन्याय और अत्याचार कर रही है, मैं इसका विरोध करता हूं। यह बात हमेशा याद रखनी चाहिए कि सत्ता कभी किसी की नहीं रहती। धर्म के साथ विश्वासघात करेंगे तो धर्म कभी माफ नहीं करेगा।

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