अजब-गजब से 'मलंग' हुआ एमपी

मध्यप्रदेश पर्यटन का नया सतरंगी विज्ञापन

Webdunia
शनिवार, 30 मार्च 2013 (15:35 IST)
मध्यप्रदेश पर्यटन ‍विभाग ने देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रंगों की थीम पर बहुत ही आकर्षक प्रचार अभियान शुरू किया है। इसका स्लोगन है 'सौ तरह के रंग, एमपी मलंग है'। पहले इसका स्लोगन था 'एमपी अजब है, सबसे गजब है'।

खजुराहो के असंख्य स्‍थापत्य शिल्प के चमत्कार और सांची के स्तूप से लेकर उज्जैन के महाकाल की आरती तक मध्यप्रदेश निश्चित तौर पर अद्‍भुत भारत का अविश्वसनीय तौर पर धड़कता हुआ हृदय है।

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राज्य की भव्यता को चार चांद लगाने के लिए ओग्लिवी और मैदर ने राज्य के लिए एक नए या प्रचार अभियान को सृजित किया है, जो भारतीयों को उसी तरह से
क्या कहते हैं एमडी
हमारी पूरी टीम ने इस अभियान के लिए काफी मेहनत की है। यह लोगों को काफी पसंद भी आ रहा है। हमें उम्मीद है कि इसके माध्यम से निश्चित ही हम देश-विदेश के पर्यटकों को और अधिक आकर्षित करने में सफल होंगे
-राघवेन्द्रसिंह
आमंत्रित करता है जैसा कि होली के त्योहार के दौरान हरेक पर रंगों की बौछार कर उसे बुलाया जाता है। विज्ञापन एजेंसी का मानना है कि विभिन्न तरह के रंग और आकार मध्यप्रदेश पर्यटन के प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन सकते हैं।

वर्ष 2006 में मध्यप्रदेश पर्यटन ने 'बाइस्कोप' के नाम से विज्ञापन जारी किया था जिसमें राज्य के आकर्षणों को बाइस्कोप के जरिए दिखाया गया था। तीन वर्ष के बाद 2009 में एक और विज्ञापन जारी किया गया था जिसमें मध्यप्रदेश के पर्यटक विभिन्न पर्यटन स्थलों की सैर कराने के लिए 'आंखों' का इस्तेमाल‍ किया गया था। इस तरह पहले विज्ञापन ने पर्यटकों को बुलाने और दूसरे ने राज्य में पर्यटक के अनुभव को विज्ञापन के जरिए दर्शाने की कोशिश की थी।

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2010 में ओग्लिवी इंडिया ने एक टीवी कमर्शियल बनाया, ‍‍‍ज‍िसमें कहानी कहने के लिए पार्श्व में हाथ और अंगुलियों की छायाओं की मदद ली गई थी और इसके साथ गाना था 'मध्य प्रदेश अजब है, सबसे गजब है'।‍ जितने भी प्रचार अभियान चलाए गए सभी में प्रदेश के परंपरागत और ऐतिहासिक आकर्षणों को स्थान दिया गया जिनमें वन्य जीवन, पुरा सम्पदा और ऐतिहासिक विरासत पर जोर दिया गया।

नए टीवी विज्ञापन में स्थानीय युवाओं को रंगीन पावडर और पानी के साथ पर्यटकों का स्वागत करते दिखाया गया है। धीम‍ी गति में जैसे ही वे पर्यटक तक पहुंचते हैं तो वे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों जैसे कान्हा टाइगर्स, खजुराहो का शिल्प, मांडू का जहाज महल, सांची के स्तूप और उज्जैन के महाकाल आरती का आकार ले लेते हैं।

ओएंडएम के नेशनल क्रिएटिव डायरेक्टर अभिजीत अवस्थी का कहना है कि पिछले समय में मध्यप्रदेश पर्यटन के विज्ञापनों में अत्यधिक लोकप्रिय अपील का सहारा लिया गया था। इस बार हमने विज्ञापनों को एक अनूठी रचनात्मकता दी है।

ग्रुप के क्रिएटिव ‍डायरेक्टर प्रद्मुम्न चौहान का कहना है कि जब हमने प्रचार के विचारों के आधार पर ही सोचा तो हमारे सामने सजीव और आश्चर्यजनक रंग सामने आ गए और हमने रंगों के उत्सव को ही पर्यटन का प्रचार बना दिया। उनका कहना था कि विज्ञापन में आत्मा और अनुभव को पंकज अवस्थी ने इस तरह मिलाया है कि चित्रों के साथ गाने ने जान फूंक दी है।

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इसे विज्ञापन जगत की अन्य हस्तियों ने भी सराहा है। स्कारक्रो कम्युनिकेशन्स के रघु भाट का कहना है कि प्रत्येक कोण से यह एक शानदार फिल्म है। इसमें सिनेमाई भाषा का उपयोग कर रंगों और डार्क शैडोज को किसी पारंगत और सिद्धहस्त का काम बना दिया गया है।

इसी तरह बैंग इन द मिडिल का विज्ञापन रंगों और प्रदेश की धरोहर को इस तरह मिलाकर बताता है कि इसका गीत और दृश्य अपना प्रभाव छोड़े बिना नहीं रहते हैं। इस विज्ञापन को प्रकाश वर्मा ने निर्देशित किया है और इसके संगीत को पंकज अवस्थी ने रचा है, जो कि विज्ञापन की एक विशेषता कही जा सकती है।

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