अहमदाबाद। अहमदाबाद की एक अदालत ने अपराध शाखा से कहा कि वह पांच अगस्त तक गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दायर प्राथमिकी के सिलसिले में कार्रवाई रिपोर्ट (एटीआर) सौंपे। यह मामला 30 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए मतदान के दिन जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का कथित तौर पर उल्लंघन करने से संबंधित है।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एमएम शेख ने गुजरात पुलिस के डिटेक्शन ऑफ क्राइम ब्रांच (डीसीबी) को पांच अगस्त या उससे पहले कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
मोदी ने 30 अप्रैल को गुजरात में 26 सीटों पर मतदान के दौरान शहर के रानिप इलाके के एक स्कूल में अपना मत डालने के तुरंत बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया था और पार्टी का चुनाव चिह्न कमल प्रदर्शित किया था।
मोदी के खिलाफ उसी दिन अपराध शाखा ने चुनाव आयोग के निर्देश पर जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 (1) (ए) और आईपीसी की धारा 188 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
हालांकि, आम आदमी पार्टी के सदस्य निशांत वर्मा ने यह कहते हुए अदालत के समक्ष याचिका दायर की थी कि प्राथमिकी अधूरी है और उन्होंने पुलिस को निर्देश देने की मांग की कि वह आरपीए की धारा 130 और धारा 114 और आईपीसी की धारा 171 (सी) और धारा 171 (एफ) के तहत प्राथमिकी दर्ज करे। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने डीसीबी को पांच जुलाई या उससे पहले कार्रवाई रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था। अदालत ने एजेंसी की इस दलील पर समय-सीमा आज एक महीने तक बढ़ा दी कि मामले में जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
वर्मा के वकील के आर कोष्टी ने डीसीबी की बातों का विरोध किया और कहा कि जांच एजेंसी ने निर्धारित अवधि के भीतर आरोप पत्र नहीं दायर किया है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने पांच अगस्त तक मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। (भाषा)